ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने अब टैक्स पेयर्स के लिए रिटर्न फाइल करने के लिए सभी 7 फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं। जिनमें से कुछ जुलाई के आखिरी तक जमा करने होंगे। जिन लोगों को अपने खातों का ऑडिट नहीं करवाना है, उनके लिए आखिरी डेट 31 जुलाई है। इस बीच, ऑडिट की जरुरत वाले कारोबार और पेशेवरों के साथ-साथ घरेलू कंपनियों के पास हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए अपने रिटर्न फाइल करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय होगा।
किन्हें फाइल करना होगा 31 जुलाई तक आईटीआर?
इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट के नोटिफिकेशन के मुताबिक, अधिकांश लोगों को आकलन वर्ष 2025-26 (Assessment Year 2025-26) के लिए 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करना होगा। रियायती दर (Concessional Rate) पर टैक्स का भुगतान करने या विभिन्न छूटों का लाभ उठाने वाले टैक्सपेयर्स को भी इस डेट तक संबंधित डिटेल्स और घोषणाएं प्रस्तुत करनी होंगी।
यह समय सीमा कॉर्पोरेट-टैक्सपेयर्स के साथ-साथ उन व्यक्तियों के लिए लागू नहीं होगी जिनके अकाउंट बुक का ऑडिट किया जाना जरूरी है।
आयकर विभाग ने जारी किए 7 ITR फॉर्म, आप भी भरते हैं टैक्स तो अभी जान लें आपके लिए कौन-सा सही?
क्या है आगामी आईटीआर फाइल करने की समयसीमा?
– व्यक्ति, HUF, AOP, BOI (गैर-ऑडिट) – 31 जुलाई
– ऑडिट की जरूरत वाले कारोबार या पेशेवर – 31 अक्टूबर
– घरेलू कंपनियां – 31 अक्टूबर
– ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट वाले टैक्सपेयर्स – 30 नवंबर
– विलंबित या संशोधित रिटर्न – 31 दिसंबर
कौन कौन-सा ITR फॉर्म फाइल कर सकता है?
आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल फॉर्म हैं जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स की ज़रूरतों को पूरा करते हैं। सहज को 50 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले निवासी व्यक्ति (Resident Individual) द्वारा फाइल किया जा सकता है और जो सैलरी अन्य स्रोतों (ब्याज) से आय प्राप्त करता है। सुगम को ऐसे व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और फर्म (सीमित देयता भागीदारी (LLP) के अलावा) द्वारा फाइल किया जा सकता है, जिनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक है और कारोबार और पेशे से आय है।
आईटीआर-2 उन व्यक्तियों और HUF द्वारा फाइल किया जाता है, जिनकी आय कारोबार या पेशे में लाभ और गेन से नहीं होती है, लेकिन कैपिटल गैन से होती है।
आईटीआर-5 फर्मों और सीमित देयता भागीदारी (Limited Liability Partnership) और सहकारी समितियों द्वारा फाइल किया जाता है।
आईटीआर-6 कंपनी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड कंपनियों द्वारा फाइल किया जाता है।
आईटीआर-7 ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थानों द्वारा फाइल किया जाता है।