ITR Forms: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म का नया सेट जारी किया है। यह फॉर्म आकलन वर्ष 2025-26 (Assesment Year 2025-26) के लिए लागू होगा। आयकर विभाग ने इस साल कुछ प्रमुख बदलावों के साथ सभी 7 ITR फॉर्म को नोटिफाई किया है। हालांकि, अधिकांश फॉर्म का स्ट्रक्चर वही है, लेकिन पिछले साल के साथ-साथ इस साल की बजट घोषणाओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए उनमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जिनमें खासतौर पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर राहत, प्रॉपर्टी और विदेशी संपत्तियों से जुड़ी रिपोर्टिंग में बदलाव और टैक्स सिस्टम का विकल्प जैसी चीजें शामिल हैं।

आईटीआर-1 (सहज)

अगर आपकी इनकम का सोर्स सैलरी, घर का किराया और कुछ ब्याज जैसे अन्य सोर्स है और आपकी कुल आय 50 लाख रुपये से कम है, तो आपके लिए आईटीआर-1 फॉर्म हैं।

अब इस फॉर्म में बड़ी राहत दी गई है। अगर आपने इक्विटी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया है और वहां से 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कमाया है, तो अब आप इसे ITR-1 फॉर्म में ही रिपोर्ट कर सकते हैं। बता दें कि इससे पहले आपको इसके लिए अलग से फॉर्म भरना पड़ता था।

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आईटीआर-2

आपने अगर शेयर मार्केट, प्रॉपटी या फिर म्यूचुअल फंड से मुनाफा कमाया है, तो फिर आपको आईटीआर-2 भरना होगा।

इस फॉर्म में कैपिटल गेन्स को अब इस आधार पर अलग से दिखाना होगा कि यह 23 जुलाई 2024 से पहले हुआ है या बाद में। साथ ही, अगर आपने 1 अक्टूबर 2024 के बाद कोई शेयर बायबैक किया है, तो उससे जुड़े लाभ या हानि को भी दो अलग-अलग हिस्सों में दिखाना होगा।

आईटीआर-3

अगर आपकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से आती है तो फिर आपको आईटीआर-3 भरना होगा। इसमें इस बार एक नया कॉलम जोड़ा गया है। इसमें आपको यह बताना होगा कि आपने पुराना या नया कौन सा टैक्स सिस्टम चुना है साथ ही फॉर्म 10-IE या 10-IEA जमा करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस फॉर्म में अब कैपिटल गेन्स की डिटेलिंग भी पहले से बेहतर है।

आईटीआर-4 (सुगम)

अगर आप छोटे बिजनेस जैसे टैक्सी या दुकान चलाते है तो फिर आईटीआर-4 आपके लिए है।

इस फॉर्म में अब एक नई सुविधा दी गई है। अब इसमें 1.25 लाख रुपये तक के LTCG की रिपोर्टिंग संभव है। पहले इसमें यह सुविधा नहीं थी।

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आईटीआर-5

यह फॉर्म फर्म, LLP, AOP और BOI, आर्टिफिशियल ज्यूडिशियल पर्सन (AJP), सहकारी समिति, दिवालिया की संपत्ति, बिजनेस ट्रस्ट और निवेश फंड के लिए है।

आईटीआर-6

अगर आप कोई कंपनी चला रहे हैं तो आईटीआर-6 फॉर्म आपके लिए है। आपको इसमें अब 23 जुलाई से पहले और बाद के आधार पर कैपिटल गेन की जानकारी देना होगा साथ ही अगर आपने 1 अक्टूबर 2024 के बाद बायबैक किया है और उससे जुड़ा डिविडेंड दिखाया है तो उस पर हुए नुकसान की भी अब रिपोर्ट की जा सकेगी।

आईटीआर-7

अगर आप सामाजिक, धार्मिक या राजनीतिक काम करते हैं तो फिर आईटीआर-7 आपके लिए हैं।

इसमें अब उन्हें 23 जुलाई से पहले और बाद में कैपिटल गेन्स को भी विभाजित करके दिखाना होगा। इसके अलावा, उन्होंने अगर बायबैक किया है और डिविडेंड दिखाया है, तो नुकसान की रिपोर्टिंग ज़रूरी हो गई है।