अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं तो यह खबर आपके काफी काम की हो सकती है। बता दें कि इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने टैक्स पेयर्स द्वारा ई-फाइलिंग पोर्टल पर ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए आधार-आधारित OTP वेरीफिकेशन अनिवार्य कर दिया है।

इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट का इस बदलाव का उद्देश्य है कि कोई आपकी प्रोफाइल को बिना आपकी अनुमति के अपडेट न कर पाएं। इस बदलाव से यह भी सुनिश्चित होगा कि केवल आप ही अपने मोबाइल नंबर और ईमेल डिटेल को अपडेट कर सकते हैं, जिससे खाते को और सुरक्षित किया जा सकता है।

पैन आवेदन के लिए आधार अनिवार्य

1 जुलाई से पैन आवेदन जमा करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है। नया पैन प्राप्त करने के लिए आधार नंबर देना और इसे वेरीफाई करना अनिवार्य हो गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नए नियम के तहत, पैन आवेदन तभी वैध माना जाएगा जब आवेदक का आधार नंबर रजिटर्ड हो और इसका ऑनलाइन वेरीफिकेशन हो। इसका उद्देश्य टैक्स प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाना, डुप्लिकेट पैन को रोकना और डिजिटल इको सिस्टम को मजबूत करना है।

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पैन कार्ड के लिए आवदेन के लिए अभी तक आधार नंबर अनिवार्य नहीं था। लेकिन अब नियम बदल दिया गया है। तो अब अगर आपको पैन चाहिए तो आपको अपना आधार नंबर देना होगा। फिर आधार को ओटीपी के जरिए वेरिफाई करना होगा और इसके बिना अब पैन जारी नहीं होगा। यह प्रक्रिया आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर पूरी तरह से ऑनलाइन उपलब्ध है।

जिनके पास पहले से पैन कार्ड है उनके लिए क्या नियम हैं?

अगर आपका पैन पहले से बना हुआ है और आपने अभी तक उसे आधार से लिंक नहीं किया है तो आपके पास 31 दिसंबर 2025 तक का समय है। अगर इस तारीख तक आपका आधार-पैन लिंक नहीं हुआ तो आपका पैन “निष्क्रिय” हो जाएगा। लिंक करने में देरी होने पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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सरकार यह बदलाव क्यों कर रही है?

इस कदम का मकसद टैक्स चोरी और फर्जी पैन कार्ड पर लगाम लगाना और डिजिटल केवाईसी को मजबूत करना है। इसका मकसद टैक्स फाइलिंग और रिफंड की प्रोसेस को तेज और सुरक्षित बनाना है। यह बदलाव यह भी सुनिश्चित करेगा कि यह सरकार की “डिजिटल इंडिया” और “ई-गवर्नेंस” पहल को आगे बढ़ाए।

सीबीडीटी के एक अधिकारी के मुताबिक, “आधार से संबंधित जानकारी के वेरीफिकेशन से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि किसी व्यक्ति के नाम पर केवल एक ही वेलिड पैन है।”