Huawei के मसले पर तिलमिलाए चीन ने भारत को जवाबी कार्रवाई की खुली धमकी दी है। कहा है कि भारत Huawei Technologies को देश में कारोबार करने से न रोके, वरना उसे भविष्य में इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। अगर ऐसा ही रहा, तब भारतीय कंपनियों को भी चीन में समस्या हो सकती है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। इसी बीच, अमेरिका ने इस मुद्दे पर कहा है कि ड्रैगन, इंडिया को ब्लैकमेल कर रहा है।

दरअसल, टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत आगामी महीनों में नेक्स्ट जेनेरेशन 5जी सेल्युलर नेटवर्क की इंस्टालेशन प्रक्रिया के ट्रायल को फिलहाल रोकेगा, जबकि अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है कि आखिर देश चीनी टेलीकॉम उपकरण बनाने वालों को इसमें हिस्सा लेने के लिए बुलाएगा या नहीं।

बता दें कि Huawei दुनिया में ऐसे उपकरण बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है, जो कि मौजूदा समय में चीन और अमेरिका के बीच चर्चा का बड़ा मुद्दा भी है। यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने इस कंपनी को इसी साल मई में राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए सुरा ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था। अमेरिका ने इसके अलावा अन्य सहयोगी देशों से Huawei के उपकरण न इस्तेमाल करने के लिए कहा था।

नई दिल्ली में आयोजित आतंरिक बैठकों में इस बारे में हुई चर्चा को लेकर सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया कि बीजिंग में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री को 10 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री ने इस बाबत बातचीत के लिए बुलाया था।

एक राजदूत के हवाले से सूत्र ने आगे बताया कि बैठक में चीनी अधिकारी बोले थे कि वॉशिंगटन (यूएस) से दबाव के चलते भारत अपने यहां Huawei को ब्लॉक कर सकता है, जिसके परिणाम (चीन में भारतीय कंपनियों को दिक्कतों के रूप में) भुगतने पड़ सकते हैं।

हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर विदेश मंत्री ने मीडिया द्वारा पूछे जाने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। रॉयटर्न ने जब चीनी विदेश मंत्रालय से इस बारे में पूछा, तो उन्हें भी कोई जवाब न मिला। वहीं, मंगलवार को अमेरिकी नेता जिम बैंक्स ने कहा है, “चीन अब भारत को अपने यहां 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए Huawei का इस्तेमाल करने के लिए ब्लैकमेल कर रहा है।” वैसे, चीन को इस मुद्दे पर भारत से स्वतंत्र और निष्पक्ष फैसले की उम्मीद है।