GST Guide: 15 अगस्त 2015, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से कई बड़ी घोषणाएं की। लेकिन GST सुधार को लेकर किए गए उनके ऐलान ने सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान खींचा। पीएम ने देशभर के लोगों को दिवाली का तोहफा देने का ऐलान करतो हुआ कहा कि हम टैक्स का बोझ कम कर रहे हैं। उन्हें GST सिस्टम में सुधार की बात ही। पीएम ने लोगों की आम जरूरतों की चीजों पर लगने वाले टैक्स के कम होने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे इकोनॉमी को बल मिलेगा। लेकिन सबसे पहला सवाल ये है कि आखिर GST है क्या? इसे कब लागू किया गया, इसमें कितनी तरह के टैक्स लगते हैं? आपको आसान भाषा में समझाते हैं जीएसटी की पूरी कहानी…
जीएसटी क्या है?
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods and Services Tax) यानी जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) है। इस टैक्स को 1 जुलाई 2017 को पूरे भारत में लागू किया गया था। ‘वस्तु एवं सेवा कर’ को देश के संविधान में 122वें संशोलधन विधेयक के जरिए लाया गया। आपको बता दें कि दुनियाभर के 150 से ज्यादा देशों में ऐसा ही टैक्स सिस्टम लागू है।
भारत में पहले हर राज्य और केंद्र सरकार के अपने-अपने टैक्स थे। इनमें VAT, Service Tax, Excise Duty, Entertainment Tax आदि शामिल थे। लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में देश में टैक्स सिस्टम को बदला गया और इन सभी टैक्सों को खत्म करके एक टैक्स सिस्टम लाया गया और इसी के साथ शुरू हुआ GST।
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GST क्यों लागू किया गया?
जीएसटी लागू करने के कई उद्देश्य थे, जिनमें सबसे मुख्य था कि भारत के जटिल टैक्स सिस्टम को सरल बनाना। GST लागू करने के मुख्य मकसद:
-टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के लिए ताकि टैक्स के दोहराव को खत्म किया जा सके।
-हर राज्य में टैक्स का अंतर खत्म करने के लिए।
-व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए।
-टैक्स चोरी रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए।
GST काम कैसे करता है?
-किसी भी Goods (सामान) या Service (सेवा) पर एक ही टैक्स लगता है।
-यह टैक्स उपभोक्ता (Consumer) देता है, और सरकार तक व्यापारी इसे पहुंचाते हैं।
-व्यापारी जब टैक्स जमा करते हैं, तो वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का फायदा भी ले सकते हैं।
GST 2025: मौजूदा स्लैब क्या हैं?
भारत में GST को चार मुख्य स्लैब में बांटा गया है:
0% – अनाज, सब्जियां, दूध जैसी जरूरी चीजें
5% – पैक्ड फूड, जॉब वर्क, हाउसहोल्ड आइटम्स
12% – प्रोसेस्ड फूड, मोबाइल फोन</p>
18% – होटल सेवाएं, बिजनेस सेवाएं, इलेक्ट्रॉनिक्स
28% – लग्जरी सामान, कारें, पान मसाला, तंबाकू आदि
GST के फायदे
-पूरे देश में एक जैसा टैक्स सिस्टम
-टैक्स प्रक्रिया आसान और डिजिटल
-काले धन और टैक्स चोरी पर रोक
-कारोबारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ
-GST की चुनौतियां और नुकसान
-छोटे व्यापारियों को जटिल नियमों से परेशानी
-बार-बार ऑनलाइन रिटर्न भरना
-कुछ सेवाएं और सामान महंगे हो गए
-GST काउंसिल में बार-बार दरें बदलने से भ्रम
GST से जुड़े आम सवाल (FAQs)
सवाल: GST नंबर क्या होता है?
जवाब: GSTIN (GST Identification Number) 15 अंकों का यूनिक नंबर है, जो हर पंजीकृत व्यापारी को मिलता है।
सवाल: क्या हर किसी को GST रजिस्ट्रेशन करना ज़रूरी है?
जवाब: अगर सालाना कारोबार ₹40 लाख (सेवा क्षेत्र में ₹20 लाख) से ज़्यादा है तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
सवाल: GST लागू होने से आम आदमी को क्या फर्क पड़ा?
जवाब: रोजमर्रा की जरूरी चीज़ें सस्ती हुईं, लेकिन लग्जरी और सर्विस महंगी हो गईं।