कई वस्तुओं पर GST लागू किया गया है, जिसमें आटा-दाल-चावल से लेकर दही और कई चीजें शामिल हैं। इन वस्तुओं पर 5 प्रतिशत की GST लागू की गई है, जो 18 जुलाई से प्रभावी है। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 14 उत्पादों की सूची जारी कर स्पष्ट किया है कि इन वस्तुओं पर क्यों जीएसटी लगाया गया है?
वित्त मंत्री ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए स्पष्ट किया कि दाल, गेहूं, राई, जई, मक्का, चावल, आटा, सूजी, रवा, बेसन, फूला हुआ चावल, दही / लस्सी जब खुले में और बिना प्री-पैक या प्री-लेबल बेचे जाते हैं, तो कोई जीएसटी लागू नहीं होगा। यानी कि अगर अगर आप खुले में सामान खरीदते हैं तो आपको टैक्स नहीं देना होगा। निर्मला सीतारमण ने कुल 14 ट्वीट करके जीएसटी को लेकर पैदा हुए कंफ्यूजन को दूर करने का प्रयास किया है।
खाद्य पदार्थों पर राज्य वसूलते थे टैक्स
सीतारमण ने आगे कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इन खाद्य पदार्थों पर कर लगाया जा रहा है। इससे पहले राज्य जीएसटी से पहले की व्यवस्था में खाद्यान्न से महत्वपूर्ण राजस्व एकत्र कर रहे थे। ” पंजाब “अकेले खरीद कर के माध्यम से खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स एकत्र किया। वहीं यूपी ने 700 करोड़ रुपए किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला जीएसटी परिषद द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था, जिसमें सभी राज्य उपस्थित थे।
5 प्रतिशत GST का प्रस्ताव
सीतारमण ने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ‘ब्रांडेड’ अनाज, दाल, आटे पर 5% की दर लागू की गई थी, लेकिन बाद में इसका दुरुप्रयोग किया गया। इस कारण जीएसटी दरों में गिरावट आई, जिसके बाद पैकेज्ड और लेबलयुक्त उत्पादों पर जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव पेश किया गया।
फिटमेंट कमेटी की ओर से यह निर्णय लिया गया है, जिसमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात के अधिकारी शामिल हैं। फिटमेंट कमेटी ने कई बैठकों में इस मुद्दे की जांच की और दुरुपयोग को रोकने के लिए तौर-तरीकों में बदलाव के लिए अपनी सिफारिशें दीं।
उन्होंने बताया कि “दाल, अनाज जैसे चावल, गेहूं और आटा, आदि पर पहले 5% जीएसटी लगता था जब ब्रांडेड और यूनिट कंटेनर में पैक किया जाता था। 18 जुलाई 2022 से, इन वस्तुओं पर “प्री-पैकेज्ड और लेबल” होने पर जीएसटी लागू है।