GST 2.0 Impact: लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स हटाने का जीएसटी काउसिंल का निर्णय आज (22 सितंबर) से लागू हो गया है। इंश्योरेंस प्रीमियम पर अब तक 18% जीएसटी लगता था और आज से ये टैक्स फ्री हो गए हैं। इस कदम का लाखों बीमा ग्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि अब जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां खरीदना पहले से कहीं अधिक सस्ता हो जाएगा।
लेकिन पॉलिसी होल्डर्स के मन में एक सवाल है कि क्या इस छूट का लाभ सभी को मिलेगा? जवाब है, नहीं। कुछ पॉलिसीज को अभी भी इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। आइए समझते हैं ऐसा क्यों है…
मौजूदा पॉलिसीहोल्डर्स को कब मिलेगा लाभ?
यदि आपके पास पहले से कोई पॉलिसी है, तो यह छूट केवल भविष्य के प्रीमियम पर ही लागू होगी। इसका मतलब है कि 18% जीएसटी छूट केवल तभी लागू होगी जब आप 22 सितंबर के बाद अपना अगला प्रीमियम चुकाएंगे। हालांकि, पुराने या पहले चुकाए गए प्रीमियम पर कोई लाभ नहीं मिलेगा।
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क्या बदल जाएंगी पॉलिसी की शर्तें?
नहीं, जीएसटी हटने से आपकी पॉलिसी के नियम, शर्तें या लाभ नहीं बदलेंगे। फर्क बस इतना है कि आपको कम प्रीमियम देना होगा।
क्या आपने पहले ही 3 साल का GST-सहित प्रीमियम अग्रिम रूप से चुका दिया है?
अगर आपने 2 या 3 साल का GST-सहित प्रीमियम अग्रिम रूप से चुकाया है, तो आपके लिए एक निराशाजनक खबर है। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए FAQ के अनुसार, अग्रिम प्रीमियम पर चुकाया गया जीएसटी वापस नहीं किया जाएगा यानी अगर आपने पहले ही 3 साल का प्रीमियम चुका दिया है और उस पर GST लगाया गया है, तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा।
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क्या है आपके लिए इसका मतलब?
– 22 सितंबर से नए प्रीमियम पर बीमा 18% सस्ता हो जाएगा।
– मौजूदा ग्राहकों को यह लाभ उनके अगले नवीनीकरण प्रीमियम के साथ मिलेगा।
– जो लोग पहले ही अग्रिम प्रीमियम चुका चुके हैं, उन्हें रिफंड नहीं मिलेगा।
इस बीच, कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि बीमा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नुकसान की भरपाई के लिए बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी कर सकती हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें सुझाव दिया गया है कि बीमा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट के अभाव में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अपनी दरों में 5% तक की वृद्धि पर विचार कर सकती हैं।