No GST on Health and Life Insurance: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने बुधवार (3 सितंबर) को जीएसटी सुधार से जुड़ी बड़ी घोषणा की। सभी राज्यों के मंत्रियों वाली जीएसटी काउंसिल ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को हटाने का फैसला किया। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने यह जानकारी साझा की।

आपको बता दें कि जीएसटी रेट में किए गए सुधार और नया टैक्स स्लैब 22 सितंबर, 2025 यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे।

शेयर बाजार ने GST रेट सुधार का किया जोरदार स्वागत, Nifty-सेंसेक्स 1% चढ़े, निफ्टी ऑटो इंडेक्स 3% उछला

आधिकारिक रिलाज के अनुसार, “सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा, उनके पुनर्बीमा सहित और सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा, उनके पुनर्बीमा को जीएसटी से छूट दी गई है।”

गौर करने वाली बात है कि अभी हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर 18 प्रतिशत का जीएसटी रेट लगता है।

जीएसटी में छूट मिलने का मतलब है कि स्वास्थ्य और टर्म बीमा प्रीमियम अब सस्ता होगा।

आपका इंश्योरेंस प्रीमियम कितना होगा सस्ता?

एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी में पूरी तरह छूट मिलने से स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम लगभग 15 प्रतिशत कम हो सकता है। ट्रांसमिशन के निर्धारण में बीमाकर्ताओं का खर्च अनुपात भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इसके अलावा प्रीमियम कम होने से मांग बढ़ने की उम्मीद है। बीमा कंपनियां खुदरा स्वास्थ्य खंड में संयुक्त अनुपात (सीआर) पर 3-6 प्रतिशत का प्रभाव देख सकती हैं, जिसका मुख्य कारण रिन्यूअल की धीमी पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया है जिसमें 12-18 महीने लग सकते हैं।

इंश्योरेंस पर कैसे होगी बचत?

जीएसटी काउंसिल की बैठक खत्म होने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा पर जीएसटी खत्म होने से आम आदमी के लिए यह पहले से ज्यादा किफायती होगा। और देशभर में हर आदमी तक बीमा कवरेज पहुंचाने में मदद मिलेगी।

इस तरह समझिए कि अगर अभी कोई शख्स इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 20000 रुपये देता है। तो अभी तक 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ 23,600 रुपये चुकाने होते थे लेकिन अब जीएसटी खत्म होने के बाद सीधे तौर पर 3600 रुपये की बचत हो जाएगी।

56वीं काउंसिल मीटिंग (56th GST Council Meeting)

जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक बुधवार को नई दिल्ली में शुरू हुई थी और इसमें जीएसटी कटौती के लिए कई अलग-अलग परिदृश्यों पर विचार किया गया।

GST 2.0: कौन-कौन सी चीजें हुईं महंगी

वाहन: 350 सीसी तक की छोटी कारों और मोटरसाइकिलों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

ऑटो सेक्टर: सभी ऑटोमोबाइल पार्ट्स पर 18 फीसदी टैक्स।

लग्जरी और हानिकारक सामान: 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिल और निजी इस्तेमाल के लिए हवाई जहाज पर 40 प्रतिशत की भारी जीएसटी लगेगी।

तंबाकू उत्पाद: पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा; ऋण चुकाने तक सिगरेट पर 28 प्रतिशत जीएसटी और मुआवजा उपकर लागू रहेगा।

शुगर ड्रिंक्स: अतिरिक्त चीनी वाले ऐरेटेड पेय पदार्थों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

जीएसटी क्या है?

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods and Services Tax) यानी जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) है। इस टैक्स को 1 जुलाई 2017 को पूरे भारत में लागू किया गया था। ‘वस्तु एवं सेवा कर’ को देश के संविधान में 122वें संशोलधन विधेयक के जरिए लाया गया। आपको बता दें कि दुनियाभर के 150 से ज्यादा देशों में ऐसा ही टैक्स सिस्टम लागू है। यहां पढ़ें पूरी खबर