अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी अब रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी को सीधी टक्कर देने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए अडानी ग्रुप पेट्रोकेमिकल कारोबार में उतर गया है। अडानी एंटरप्राइजेज ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में अडानी पेट्रोकैमिकल्स लिमिटेड (APL) बनाने की घोषणा की है।

अडानी पेट्रोकेमिकल अडानी एंटरप्राइजेज की होली-ओन्ड सब्सिडियरी होगी। यह कंपनी रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स, स्पेशियलिटी केमिकल्स यूनिट, हाइड्रोजन और इससे संबंधित कैमिकल प्लांट्स और इससे जुड़ी यूनिट की स्थापना करेगी। अभी अडानी ग्रुप पोर्ट से लेकर एयरपोर्ट, बिजली उत्पादन और वितरण, रिन्युएबल एनर्जी, माइनिंग, नेचुरल गैस, फूड प्रोसेसिंग, डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ा कारोबार करता है।

अडानी ग्रुप की रिन्युएबल एनर्जी में सबसे बड़ा उत्पादक बनने की योजना: इस साल की शुरुआत में गौतम अडानी ने 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा रिन्युएबल एनर्जी उत्पादक बनाने का लक्ष्य तय किया था। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की फ्रांस की कंपनी टोटलएनर्जीज एसई के साथ भागीदारी है। टोटल एनर्जी ने अडानी ग्रीन के 25 गीगावाट के सोलर एनर्जी पोर्टफोलियो में शामिल कई प्रोजेक्ट्स में भी निवेश कर रखा है।

विदेशी कंपनियों की मदद से स्थापित की जाएगी केमिकल फैक्ट्री: गुजरात के मुंद्रा में केमिकल फैक्ट्री की स्थापना के लिए अडानी ग्रुप ने जनवरी 2019 में जर्मनी की दिग्गज केमिकल कंपनी BASF के साथ साझेदारी की थी। BASF अडानी ग्रुप की केमिकल फैक्ट्री में 2 अरब यूरो का निवेश करेगी। अक्टूबर 2019 में अडानी ग्रुप ने केमिकल फैक्ट्री के लिए अबु धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) और बोरियालिस एजी से साझेदारी की थी।

देश की सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल्स उत्पादक है रिलायंस: रिलायंस इंडस्ट्रीज अभी देश की सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल्स उत्पादक कंपनी है। रिलायंस दुनिया की 10 सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल्स उत्पादक कंपनियों में भी शामिल है। मुकेश अंबानी के पास दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल रिफाइनिंग कॉम्प्लैक्स है। यह कॉम्प्लैक्स गुजरात के जामनगर में स्थित है।

चार गीगा फैक्ट्री की स्थापना करेगी रिलायंस: इसी साल जून में मुकेश अंबानी ने ग्रीन एनर्जी सेगमेंट में उतरने की घोषणा की थी। इस पर रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले तीन सालों में 75000 करोड़ रुपए के निवेश करेगी। इस निवेश के जरिए चार गीगा फैक्ट्री की स्थापना होगी। इन फैक्ट्रियों में सोलर मॉड्यूल, हाइड्रोजन, फ्यूल सेल्स और बिजली के स्टोरेज के लिए बैटरी ग्रिड बनाया जाएगा।