वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (8 जुलाई, 2022) को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से ग्रामीण आय को बढ़ावा देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों को सुचारू रूप से लोन देने को जारी रखने को कहा। सरकारी बैंकों के सीईओ के साथ करीब आधे दिन की लंबी बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) में उपयोग होने वाली टेक्नोलॉजी में भी सुधार करने के निर्देश दिए।
बैठक के बाद मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना की समीक्षा की और चर्चा की कि किसानों को संस्थागत ऋण कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है। आगे रुपाला ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की और मत्स्य पालन एवं डेयरी क्षेत्र में लगे सभी लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने पर चर्चा की गई।
क्षेत्रीय बैंकों का होगा आधुनिकीकरण: वित्त राज्य मंत्री भागवत के कराड ने कहा, “क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर यह निर्णय लिया गया कि स्पॉन्सर बैंक को डिजिटलीकरण और तकनीकी सुधार में उनकी मदद करनी होगी।” बता दें, आरआरबी, जो किसानों को लोन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्हें सरकारी बैंकों द्वारा स्पॉन्सर किया जाता है। मौजूदा समय में केंद्र की आरआरबी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि 35 प्रतिशत और 15 प्रतिशत क्रमशः संबंधित स्पॉन्सर बैंकों और राज्य सरकारों के पास हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 43 आरआरबी में से लगभग एक तिहाई (विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी और पूर्वी क्षेत्रों से) घाटे में संचालित किए जा रहे हैं और इसमें से 9 फीसदी को आरबीआई की गाइडलाइन्स पूरी करने के लिए पूंजी की आवश्यकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, खेतिहर मजदूरों और कारीगरों को ऋण और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आरआरबी एक्ट, 1976 के तहत इन बैंकों का गठन किया गया था। इस एक्ट में 2015 मे संशोधन किया गया था, जिसके तहत आरआरबी को केंद्र, राज्यों और प्रायोजक बैंकों के अलावा अन्य स्रोतों से पूंजी जुटाने की अनुमति दी गई थी।
इससे पहले पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों के सीईओ के साथ बैठक की थी। रूस-यूक्रेन युद्ध सहित विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रही अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में तेजी लाने के लिए बैंकरों से उत्पादक क्षेत्रों के अधिक लोन स्वीकृत करने को कहा गया था।