बिहार के करीब 4 लाख किसानों को जल्दी ही फसल बीमा योजना की सौगात मिलने वाली है। इस स्कीम के तहत सूबे के करीब 4 लाख किसानों के खाते में 300 करोड़ रुपये की रकम जल्दी ही ट्रांसफर की जाएगी। खरीफ की फसल को बेमौमस बारिश के चलते हुए नुकसान के एवज में यह रकम मिलने वाली है। बिहार सरकार के सूत्रों के मुकाबिक अगले एक सप्ताह के भीतर इन किसानों के खातों में रकम भेजने की शुरुआत हो जाएगी। खरीफ की फसल को हुए नुकसान के सर्वे के बाद इन किसानों को क्षतिपूर्ति का हकदार माना गया था। खरीफ की फसल के लिए लगभग 25 लाख किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण कराया था। बता दें कि पंजीकृत किसानों की फसल के नुकसान पर उनके क्लेम के बाद सर्वे होता है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही राशि जारी की जाती है। यह सर्वे फसल की कटाई के समय होता है।
किसानों को यह रकम पीएम फसल बीमा योजना के तहत नहीं बल्कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत मिलना है। इस स्कीम को भी पीएम फसल बीमा योजना की तर्ज पर ही शुरू किया गया है। दो साल पहले शुरू की गई इस स्कीम के तहत यदि प्रति हेक्टेयर 20 फीसदी फसल का नुकसान होता है तो 7,500 रुपये की रकम मिलती है। यही नहीं इस स्कीम के तहत किसानों को कोई प्रीमियम भी नहीं देना होता है। हालांकि पीएम फसल बीमा योजना के तहत खरीफ की फसल में 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल पर 1 पर्सेंट का प्रीमियम किसानों को देना होता है। दरअसल इस पूरी योजना में किसी बीमा कंपनी का कोई दखल नहीं होता है। सरकारी एजेंसियों की ओर से नुकसान का आकलन किया जाता है और फिर उसकी भरपाई की जाती है।
हालांकि इस स्कीम के तहत 2 हेक्टेयर की कैप भी है। यदि किसान की एक हेक्टेयर फसल में से 20 फीसदी का नुकसान होता जाता है तो 7,500 रुपये का क्लेम मिलता है। यही नहीं यदि नुकसान 20 पर्सेंट से अधिक रहता है तो 10,000 रुपये प्रति हेक्टयेर ता क्लेम मिलता है। इस योजना के तहत कोई भी किसान 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर लगी फसल के लिए क्लेम नहीं कर सकता है।
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