केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अकाउंट से राशि निकालने के नियमों में बदलाव कर सकती है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, EPFO ने एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें EPFO मेंबर को हर 10 साल में एक बार अपनी पूरी राशि या उसका कुछ हिस्सा निकालने की अनुमति देने का सुझाव दिया गया है। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो इससे संगठित प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत 7 करोड़ से अधिक एक्टिव ईपीएफओ मेंबर को राहत मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र 10 वर्ष की सर्विस पूरी करने के बाद मेंबर द्वारा पैसा निकालने के नियमों को आसान बनाने पर विचार कर रहा है।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ‘यह उन लोगों की मदद के लिए विचार किया जा रहा है जो जल्दी रिटायर होना चाहते हैं और उन्हें 58 वर्ष की आधिकारिक रिटायरमेंट आयु तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है।’

ईपीएफ विडॉल नियमों में बदलाव क्यों है जरूरी?

अभी तक ईपीएफ की पूरी राशि तभी निकाली जा सकती थी, जब कोई कर्मचारी 58 वर्ष की आयु में रिटायर हो या फिर नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद भी बेरोजगार रहे। लेकिन अभी भी कई सारे ऐसे लोग हैं जो 35-40 की उम्र में करियर बदलना चाहते हैं या किसी वजह से नियमित नौकरी नहीं कर पाते हैं।

कई एक्सपर्ट इस कदम को काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं क्योंकि, सब्सक्राइबर का एक बड़ा हिस्सा कभी रिटायरमेंट की उम्र तक नहीं पहुंच जाता है या फिर इतने लंबे वक्त तक औपचारिक सेक्टर की नौकरी जारी नहीं रख पाता है। ऐसे में यह प्रस्तावित नियम परिवर्तन ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है।

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ईपीएफओ में हाल के वर्षों में हुए कई महत्वपूर्ण बदलाव

UPI के जरिए तुरंत विड्राल

अब यूपीआई या एटीएम के जरिए पीएफ खाते से 1 लाख रुपये तक की राशि तुरंत निकाली जा सकती है। इससे आपात स्थिति में पैसे निकालना आसान हो गया है।

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ऑटो सेटलमेंट की लिमिट बढ़ाई

पहले ऑटो-सेटलमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इससे छोटे क्लेम में भौतिक वेरीफिकेशन की जरूरत खत्म हो गई है। इसके अलावा, भी कई बदलाव हुए हैं।

किसे इस बदलाव का फायदा?

वे लोग जिन्होंने नौकरी में 10 वर्ष या फिर उससे अधिक की सर्विस पूरी कर ली है, लेकिन अब वे नियमित नौकरी नहीं करना चाहते हैं।
वे युवा जो जल्दी रिटायर होना चाहते हैं।