EPFO Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा चलाई जाने वाली कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), भारत के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों (Social Security Programmes) में से एक है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि (Service Period) और वेतन के आधार पर मासिक पेंशन मिलती है। 16 नवंबर, 1995 को लॉन्च की गई EPS, संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित आय मुहैया करने के इरादे से डिजाइन की गई है।
EPS के मुख्य फीचर्स:
पेंशन पाने के लिए न्यूनतम सर्विस पीरियड: 10 साल
पेंशन शुरु होने की उम्र: 58 वर्ष
न्यूनतम मासिक पेंशन: 1000 रुपये
अधिकतम मासिक पेंशन: 7500 रुपये
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EPS के लिए जरूरी पात्रता
ईपीएस पेंशन के पात्र होने के लिए, एक कर्मचारी को कुछ निश्चित मानदंडों को पूरा करना होगा। सबसे पहले, उसे कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी करनी होगी। इसके अलावा, कर्मचारी की आयु कम से कम 58 वर्ष होनी चाहिए, क्योंकि ईपीएस के तहत पेंशन इसी उम्र में शुरू होती है। कर्मचारी को ईपीएफओ का रजिस्टर्ड सदस्य भी होना चाहिए और अपनी नौकरी की पूरी अवधि के दौरान ईपीएस योजना में लगातार योगदान देना चाहिए।
ईपीएफ सदस्य अपने मूल वेतन का 12% EPFO द्वारा रेगुलेट किए जाने वाले प्रोविडेंट फंड में योगदान करते हैं। कंपनियां भी इस योगदान के बराबर योगदान देते हैं। कंपनी के योगदान को दो भागों में बांटा गया है: 8.33% ईपीएस को आवंटित किया जाता है, जबकि 3.67% ईपीएफ स्कीम में जाता है।
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2014 से केंद्र सरकार ने EPS-1995 के तहत न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये प्रतिमाह रखा है। हालांकि, न्यूनतम पेंशन को प्रति माह 7500 रुपये करने की मांग पिछले लंबे समय से की जा रही है।
यदि कोई EPS मेंबर, ईपीएस पेंशन पात्रता के लिए जरूरी 10 सालों तक काम करता है तो वह कितनी पेंशन की उम्मीद कर सकता है?
ईपीएस पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला: EPS Pension Calculation Formula
मासिक पेंशन की कैलकुलेशन इस फॉर्मूला का उपयोग करके की जाती है:
मासिक पेंशन: (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) / 70
पेंशन योग्य वेतन: पिछले 60 महीनों के वेतन का औसत (अधिकतम 15,000 रुपये)
पेंशनयोग्य सेवा: सेवा के कुल वर्षों (Total years of service) का ईपीएस में योगदान।
उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का पेंशन योग्य वेतन 15,000 रुपये है और पेंशन योग्य सेवा केवल 10 वर्ष है, तो मासिक पेंशन होगी:
मासिक पेंशन: (15,000 रुपये × 10) / 70 = 2,143 रुपये
इस उदाहरण से पता चलता है कि 10 साल की न्यूनतम सेवा अवधि (minimum service period) के साथ भी, एक कर्मचारी अभी भी पेंशन प्राप्त कर सकता है, हालांकि नौकरी के ज्यादा सालों के परिणामस्वरूप ज्यादा मासिक भुगतान होता है।
ईपीएस पेंशन के टाइप: Types of EPS pension
सेवानिवृत्ति पेंशन: 58 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर
प्रारंभिक पेंशन: 50-58 वर्ष की आयु के बीच (कटौती के साथ)
विधवा पेंशन: मृत सदस्य के जीवनसाथी के लिए।
बाल पेंशन (Child Pension): मृत सदस्य के बच्चों के लिए।
अनाथ पेंशन: उन बच्चों के लिए जब माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो।
विकलांगता पेंशन: जब सदस्य स्थायी तौर पर दिव्यांग हो
शीघ्र पेंशन विकल्प
जो कर्मचारी 58 वर्ष की आयु से पहले शीघ्र पेंशन (Early Pension) लेना चाहते हैं, वे ईपीएस योजना के तहत इस विकल्प को चुन सकते हैं।
लेकिन शीघ्र पेंशन के लिए उन्हें कुछ निश्चित शर्तों को पूरा करना जरूरी है: उनकी आयु कम से कम 50 वर्ष होनी चाहिए और उन्होंने न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा पूरी की हो। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि शीघ्र पेंशन का विकल्प चुनने पर कैलकुलेट की गई पेंशन राशि से हर साल 4% की कटौती होगी, जिससे मिलने वाली कुल पेंशन कम हो जाएगी।
अपनी ईपीएस पेंशन को अधिकतम करने के लिए, आपको कुछ बड़ी रणनीतियों पर ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले, लंबी सर्विस सीधे आपकी पेंशन को प्रभावित करती है, क्योंकि आप जितने ज्यादा सालों तक काम करेंगे, आपकी पेंशन योग्य सेवा और पेंशन राशि उतनी ही ज्यादा होगी।
दूसरा, उच्च वेतन (higher salary) का मतलब उच्च पेंशन योग्य वेतन है, जिससे ज्यादा पेंशन भुगतान होता है। तीसरा, ईपीएस स्कीम में नियमित योगदान सुनिश्चित करना जरूरी है, क्योंकि नियमित योगदान से समय के साथ उच्च पेंशन जमा करने में मदद मिलेगी। आखिर में, यदि आप पात्र हैं तो आप उच्च पेंशन योजना (Higher Pension Scheme) का विकल्प चुन सकते हैं, जो आपको अपनी मासिक पेंशन राशि बढ़ाने की इजाजत देता है। इन स्टेप्स का पालन करके, आप रिटायरमेंट के बाद बेहतर वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
ईपीएस पेंशन कैसे करें चेक: How to check EPS pension?
आप EPFO पोर्टल पर जाकर अपनी EPS पेंशन चेक कर सकते हैं।
ईपीएस में मिलने वाले फायदे: EPS benefits
ईपीएस अपने सदस्यों को कई जरूरी फायदे ऑफर करता है। रिटायरमेंट के बाद यह गारंटीड मासिक पेंशन सुनिश्चित करते हुए लाइफटाइम इनकम प्रदान करता है। किसी सदस्य की मृत्यु के मामले में, योजना पारिवारिक सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे परिवार को पेंशन लाभ मिल सकता है। ईपीएस में विकलांगता कवर (disability cover) भी शामिल है, जो स्थायी विकलांगता की स्थिति में पेंशन प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, ईपीएस के टैक्स बेनेफिट इसे एक आकर्षक ऑप्शन बनाते हैं, क्योंकि पेंशन को इनकम टैक्स से छूट मिलती है।