EPFO: साल 2019 के फरवरी में संगठित क्षेत्र में निवल रोजगार सृजन एक साल पहले इसी माह के मुकाबले तीन गुना तक बढ़कर 8.61 लाख तक पहुंच गया। पिछले साल फरवरी में यह आंकड़ा 2.87 लाख रहा था। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के हालिया आंकड़े के मुताबिक जनवरी, 2019 में नयी नौकरियों की संख्या सबसे अधिक 8.94 लाख रही। इससे पहले पिछले माह जारी अनंतिम आंकड़ों में यह संख्या 8.96 लाख बताई गई थी।
ईपीएफओ अप्रैल 2018 से कंपनियों के वेतन रजिस्टर में दर्ज होने वाले नाम के आधार पर रोजगार के आंकड़े जारी कर रहा है। संगठन ने सितंबर 2017 की अवधि से आंकडे जुटाये हैं। फरवरी, 2019 में 22-25 वर्ष आयु वर्ग के 2.36 लाख को एवं 18-21 आयु वर्ग के 2.09 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 – फरवरी 2019 के बीच 18 महीने के दौरान 80.86 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ।
ईपीएफओ ने कहा है कि ये आंकड़े अस्थायी हैं और कर्मचारियों के रिकॉर्ड को अद्यतन करना सतत प्रक्रिया का हिस्सा है। हालांकि, ईपीएफओ ने सितंबर 2017 से लेकर जनवरी 2019 के 17 महीने की अवधि में संगठन से जुड़ने वाले नये अंशधारकों अथवा नये रोजगार सृजन की संख्या को पहले के 76.48 लाख से कम करके 72.24 लाख किया गया है।
ईपीएफओ विभिन्न कंपनियों, संगठनों और फर्मों में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन से होने वाली भविष्य निधि कोष का प्रबंधन करता है। ऐसे में रोजगार में आने वाले नये कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते के आंकड़े उसके पास उपलब्ध होते हैं।
ईपीएफओ ने कहा है कि उसकी ताजा रिपोर्ट में मार्च 2018 के आंकड़ों में सबसे ज्यादा संशोधन सामने आया है। इसमें 55,934 सदस्य ईपीएफओ की सदस्यता से बाहर हुये। इससे पहले पिछले महीने जारी आंकड़ों में बताया गया था कि मार्च 2018 में 29,023 अंशधारकों ने ईपीएफ योजना को छोड़ा है।
हालांकि, विपक्ष सरकार पर दूसरा ही आरोप लगा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले एक चुनावी सभा में कहा था बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या और राफेल सौदे के तहत अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये कथित तौर पर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं।
गांधी ने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी ने देश को बांटा और देश के भीतर ही लोगों को आपस में लड़वाया है। आज की तारीख में देश में सबसे ज्यादा राष्ट्र विरोधी बात जो हुई है … वह यह है कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है … जिसमें हर 24 घंटे में 27,000 युवा अपनी नौकरी गंवा रहे हैं।’’