जीएमआर कंसोर्टियम-एएआई द्वारा परिचालित दिल्ली हवाई अड्डा एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला पर्यावरण अनुकूल कॉर्बन निरपेक्ष हवाई अड्डा बन गया है। कॉर्बन उत्सर्जन कम करने के लिए किए गए कई उपायों तथा 7.84 मेगावाट का सौर बिजली संयंत्र स्थापित होने पर दिल्ली हवाई अड्डे ने यह उपलब्धि हासिल की है। मांट्रियल, कनाडा में कल आयोजित एयरपोर्ट कार्बन एक्रीडिटेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुतीकरण समारोह में एरोड्रम आॅपरेटरों के संगठन एसीआई ने यह घोषणा की।

‘एयरपोर्ट कार्बन एक्रिडिटेशन’ संगठन ने दिल्ली को प्रमाणन का उच्चतम स्तर ‘लेवल तीन प्लस न्यूट्रिलिटी’ प्रदान किया है, जो दुनिया भर के हवाई अड्डों पर उपलब्ध है। कॉर्बन निरपेक्षता से तात्पर्य यह है कि पूरे साल के दौरान शुद्ध कार्बन उत्सर्जन शून्य हो या फिर हवाई अड्डे पर जितना कार्बन उत्सर्जन होता है, उतना वह खुद ‘सोख’ ले अथवा उसकी भरपाई दूसरे उपायों के जरिये कर दी जाये। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लि. :डायल: के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आई प्रभाकर राव ने कहा, ‘‘कॉर्बन निरपेक्षता’’ प्रमाणन वास्तव में एक शानदार ‘टीम वर्क’ की उपलब्धि है। इस उपलब्धि के साथ हमने क्षेत्र के अन्य हवाई अड्डों के लिए बेंचमार्क स्थापित किया है।’

उन्होंने कहा, ‘‘आगे चलकर ऊर्जा संरक्षण तथा हरित ऊर्जा उत्पादन के वैकल्पिक समाधानों की संभावना तलाशेंगे। दिल्ली हवाई अड्डे की सौर बिजली उत्पादन क्षमता को 2020 तक बढ़ाकर 20 मेगावाट करने का लक्ष्य है।’ दिल्ली हवाई अड्डे का परिचालन करने वाली डायल एक संयुक्त उद्यम कंपनी है जिसमें जीएमआर की बहुलांश हिस्सेदारी है।