DA Hike: सरकार ने 2020 और 2021 कोरोना के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते/महंगाई राहत की 3 किश्तों पर रोक लगा दी थी। महामारी समाप्त होने के बाद, कर्मचारी संघों और कर्मचारी प्रतिनिधि निकायों ने महामारी के दौरान रोके गए DA के कारण 18 महीने का बकाया जारी करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना जारी रखा।

यह मुद्दा संसद में भी कई बार उठाया गया, लेकिन मोदी सरकार ने कहा कि वह आर्थिक अस्थिरता के कारण कर्मचारियों को डीए का बकाया नहीं दे सकती।

कोविड-19 के दौरान सरकार ने क्यों रोकी डीए/डीआर हाइक

देश में जब मार्च 2020 में कोविड-19 की पहली लहर आई, तो सरकार ने वित्तीय स्थिति पर दबाव कम करने के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के डीए और डीआर में बढ़ोतरी के फैसले को टाल दिया।

इसके बाद, तीन किस्तों – जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 – में डीए-डीआर की हाइक रोक दी गई। यह रोक कुल 18 महीने तक रही।

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सरकारी कर्मचारियों को उम्मीदें और सरकार का रुख

कोरोना की स्थिति में सुधार को देखते हुए, कर्मचारियों को उम्मीदें थी कि सरकार 18 महीने का रुका हुआ डीए बकाया जारी करेगी।
कई बार कर्मचारी संगठनों ने भी यह मांग उठाई। लेकिन हर संसद सत्र में जब भी यह सवाल पूछा गया, सरकार ने एक ही जवाब दिया – बकाया देने की कोई योजना नहीं है।

हाल ही में लोकसभा सत्र में भी वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सांसद आनंद भदौरिया के सवाल के जवाब में यही बात दोहराई थी। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान वित्तीय बोझ कम करने के लिए यह कदम उठाया गया था। फिलहाल, सरकार ये बकाया देने पर विचार नहीं कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के दौरान वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) 9.2 फीसदी तक पहुंच गया था। हालांकि, अब वित्त वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान में यह घटकर 4.4 फीसदी रह गया है। इसके बावजूद, सरकार ने कहा कि उस समय रोकी गई डीए-डीआर की किश्तें अब नहीं दी जाएंगी।

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अभी क्या है डीए की स्थिति?

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को हर 6 महीने में DA-DR की किश्त मिलती है। मौजूदा समय में डीए 55% पर है। आगामी संसोधन अवधि (जुलाई-दिसंबर 2025) में इसके 3% बढ़कर 58% होने की उम्मीद है। यह संशोधन दिवाली के आस-पास लागू होने की संभावना है।