Coronavirus Vaccine Update: अमेरिकी कंपनी Moderna Inc.की ओर से अगले महीने कोरोना वायरस की संभावित दवा का आखिरी ट्रायल होगा। अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ मिलकर तैयार की जा रही इस दवा का ट्रायल 30,000 लोगों पर किए जाने की योजना है। इस बीच चीन की दवा कंपनी Sinovac Biotech ने ब्राजील में फाइनल टेस्टिंग का फैसला लिया है। इस बीच लंदन के इम्पीरियल कॉलेज ने दावा किया है कि एक सोशल इंटरप्राइज के जरिए उसकी ओर से जल्दी ही एक लो-कॉस्ट दवा को लॉन्च किया जा सकता है। दुनिया भर में अब तक 224 दवाओं पर काम चल रहा है। इनमें से अमेरिका में ही 49 फीसदी दवाओं को तैयार करने पर काम चल रहा है। चीन में 5 दवाओं का ट्रायल दूसरे राउंड में पहुंच चुका है। यह आंकड़ा किसी भी देश के मुकाबले अधिक है, जहां दवाओं के विकास पर काम चल रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना की दवा को विकसित करने के लिए 5 कंपनियों को चुना है। इसके अलावा ब्राजील ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार की जा रही दवा के ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी दे दी है। दुनिया भर में करीब 120 दवाओं पर काम चल रहा है, जिनमें से 10 दवाओं का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। इस बीच भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि अगले तीन से 5 महीनों में कोरोना की 4 दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है।

इस बीच कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। अब Gilead Sciences Inc कंपनी की दवा रेमडेसिविर की 5 डोज कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को दी जा सकेंगी। फिलहाल कोरोना के इलाज के लिए कोई दवा नहीं बनाई जा सकी है, ऐसे में इस दवा को बेहद अहम माना जा रहा है। कई मामलों में इस दवा के सेवन से मरीजों की हालत में सुधार देखा गया है। भारत के अलावा अमेरिका और दक्षिण कोरिया में भी इस दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी जा चुकी है।

इसके अलावा कोरोना की दवा के आविष्कार को लेकर दो गुड न्यूज मिलती दिख रही हैं। अमेरिकी कंपनी Moderna Inc ने कहा है कि वह कोरोना की दवा के ट्रायल के दूसरे चरण में है। इसके अलावा चीनी कंपनी Sinovac ने कहा है कि उसकी दवा 99 फीसदी असरकारी साबित हो सकती है। कंपनी ने दूसरा ट्रायल पूरा कर लिया है और जल्दी ही तीसरा राउंड शुरू करने वाली है। स्काई न्यूज ने कंपनी के रिसर्चर लुओ बाइशान के हवाले से कहा कि इस दवा के 99 फीसदी सफल होने की उम्मीद है। कंपनी फिलहाल दवा के ट्रायल की दूसरी स्टेज में है। दवा को तैयार करने के काम में 1,000 से ज्यादा वॉलंटियर लगे हुए हैं। यही नहीं कंपनी तीसरे ट्रायल के लिए भी शुरुआती बातचीत में है।

चीन से आई है एक अच्छी खबर: चीन की कंपनी Cansino Biologics Inc ने अपने शुरुआती ट्रायल में दवा के सकारात्मक लक्षणों के बारे में बताया है। कंपनी का कहना है कि ट्रायल में वायरस के खिलाफ इम्यून सिस्टम डिवेलप होने की बात सामने आई है। शुरुआती ट्रायल 18 से 60 साल की उम्र के 108 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। रिजल्ट में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों को दवा की एक डोज दी गई थी, उनके शरीर से कुछ इम्यून सेल पैदा हुए। हालांकि अभी यह शुरुआती ट्रायल है और इसके प्रभाव के बारे में तभी पता चल सकेगा, जब हजारों लोगों पर ट्रायल हो और उसमें सकारात्मक परिणाम आए।

जानें, भारत में कहां पहुंची प्रोग्रेस: भारत की बात करें तो यहां ICMR और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की ओर से मिलकर दवा को तैयार करने का काम किया जा रहा है। आईसीएमआर के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि जब यह दवा तैयार हो जाएगी तो उससे सबसे पहले पशुओं पर टेस्ट किया जाएगा। इसके बारे में ठोस तौर पर कुछ भी कहने में एक साल तक का वक्त लगेगा। भारत सरकार ने पीएम केयर्स फंड से 100 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन कोरोना की दवा पर काम करने के लिए किया है। WHO ने भारत से Serum Institute of India, Zydus Cadila, Indian Immunologicals Limited and Bharat Biotech को उन कंपनियों में शामिल किया है, जो दवा को विकसित करने की कोशिश में जुटी हैं।

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