Coronavirus risk through notes: कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य बैंकों ने डिजिटल पेमेंट के विकल्प को अपनाने की अपील की थी। दरअसल इसकी वजह सिर्फ बैंकों में भीड़ को रोकना ही नहीं है बल्कि नोटों से कोरोना वायरस फैलने की आशंका को टालना भी है। बता दें कि एक्सपर्ट्स के मुताबिक नोटों के जरिए भी कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। ऐसे में बैंकों ने एक बार फिर से ग्राहकों से डिजिटल पेमेंट को ही अपनाने की अपील की है।
यही नहीं इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की ओर से लोगों को मेसेज और ईमेल भेजकर भी डिजिटल पेमेंट की अपील की जा रही है। बैंक्स एसोसिएशन ने लोगों से नोटों को गिनने के बाद और बैंक में विजिट के बाद भी 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोने की अपील की है। ईमेल में रोचक ढंग से यह टैगलाइन भी दी गई है- कोरोना से डरो ना, डिजिटल करो ना।
इंडियन बैंक्स एसोसिशन ने ग्राहकों से अपील करते हुए कहा है कि जब तक बेहद जरूरी न हो, तब तक बैंक शाखाओं पर न आएं। Avoid Walk-in, Start Login की अपील करते हुए बैंकों ने ग्राहकों से RTGS और NEFT पेमेंट करने की सलाह दी है। इसके अलावा इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग सॉल्यूशंस के इस्तेमाल करने को कहा गया है। यही नहीं कर्ज जैसे मामलों के लिए भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से ट्रांजेक्शन की बात कही गई है।
गौरतलब है कि 31 मार्च तक बैंकों में सिर्फ बेसिक पेमेंट, अमाउंट ट्रांसफर, चेक क्लियरेंस, डिपॉजिट, कैश निकासी जैसे बेहद अहम काम ही होंगे। यदि इस बीच आप बैंको से नया लोन लेना चाहते हैं, मौजूदा लोन की शर्तों में किसी तरह के बदलाव के लिए बात करना चाहते हैं तो फिर ऐसे काम नहीं हो सकेंगे। दरअसल आरबीआई और बैंकों ने कोरोना से निपटने के लिए जो प्लान तैयार किया है, उसमें गैर-जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों को छुट्टी दी गई है, जबकि अन्य जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों शाखाओं पर बुलाया जा रहा है।
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