प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी (PMAY-U) के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। यह फैसला PMAY-U के अंतर्गत सेंट्रल सैंक्शनिंग एंड मॉनिटरिंग कमेटी की 54वीं बैठक में लिया गया है। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि बैठक में 13 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया।
स्वीकृत घरों की कुल संख्या 112.4 लाख: आपको बता दें कि PMAY-U के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या 112.4 लाख है जिनमें से अब तक 82.5 लाख घरों के निर्माण के लिए आधार तैयार किए जा चुके हैं। इनमें से भी 48.31 लाख पूरे/ वितरित किए जा चुके हैं। इसके लिए कुल निवेश 7.35 लाख करोड़ रुपये तय है। इसमें भी 1.81 लाख रुपये की राशि केंद्रीय सहायता के तौर पर दी जानी है। इस राशि में से 96,067 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
2015 में हुई थी शुरुआत: बता दें कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की शुरुआत साल 2015 में की गई थी। इसके जरिए देश के शहरी इलाकों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग और मध्यम आयवर्ग के गरीब परिवार को घर देने की योजना है। इस योजना में वैसे व्यक्ति को शामिल किया जाता है, जिनके पास खुद का घर नहीं है या अभी तक वे कच्चे घर में रहे रहे हैं। इसके लिए रियायती दर पर कर्ज देने की भी व्यवस्था है। वहीं, सरकार की ओर से 2 लाख रुपये से ज्यादा की सब्सिडी मिल जाएगी।
एलएचपी प्रोजेक्ट पर जोर: मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने छह लाइट हाउस परियोजनाओं (एलएचपी) पर जोर दिया, जिनकी आधारशिला जनवरी, 2021 में प्रधान मंत्री द्वारा रखी गई थी। (ये पढ़ें- 7th Pay Commission: दिव्यांग कर्मचारियों के लिए है ये नियम)
एलएचपी का निर्माण अगरतला, चेन्नई, लखनऊ, रांची, राजकोट और इंदौर में किया जा रहा है। उन्होंने कहा , “इन परियोजनाओं को निर्माण में शामिल सभी संबंधित विभागों को प्रेरित करना चाहिए। इनमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को दोहराया जाना चाहिए और इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए।”