कोरोना वायरस ने देश भर के व्यापार और उद्योग को ठप कर दिया है। लोग इस महामारी में अपने व्यवसाय को छोड़कर नए काम की तलाश में लगे हुए हैं। बता दें, हाल ही में खबर आई थी कि कैब सेवा प्रदाता कंपनी ओला और उबर ने हजारों की संख्या में ड्राइवरों की बाहर निकाल दिया। अब ये ड्राइवर जीवित रहने के लिए नए व्यवसायों को अपनाने के लिए मजबूर हैं।
हाल ही में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कैब चालकों की कुछ ऐसी ही तस्वीरें वायरल हो रही हैंं। जिसमें एक कैब चालक अपने घर को चलाने के लिए फल और जूस बेचता नजर आ रहा है। बता दें, कई शहरों में टैक्सी चालकों ने बैंक से लोन लेकर कार खरीदी थी। जिसका अब वह ब्याज नहीं चुका पा रहे हैं, और बैंक के ब्याज के साथ अपने परिवार का पेट पालना उन्हें भारी पड़ रहा है। जिसके चलते कैब चालक फल और जूस बेचने पर मजबूर हैं।
एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के अनुसार कई कैब चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और फिटनेस सर्टिफिकेट की वैद्यता भी समाप्त हो गई है। जिसके चलते ओला और उबर कैब चालकों के वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट की वैद्यता समाप्त होने के कारण उनकी आईडी को भी कंपनी ने ब्लॉक कर दिया है। जिससे उन्हें मिलने वाली राइड बुकिंग बंद हो गई हैं।
हालांकि यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि क्रेंद्र सरकार ने वाहन से जुड़े सभी दस्तावेजो की वैद्यता को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है, बावजूद इसके ओला और उबर जैसे प्लेटफॉर्म कैब चालकों को लाइसेंस रिन्यूअल के लिए परेशान कर रहे हैं। बता दें कि आंध्र प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों ने ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने इनके खातों में कुल 262 करोड़ रूपए जमा करने की घोषणा की है, वहीं इस स्कीम में कुल 2,62,493 चालकों को लाभ मिलने की आशंका है।