Supreme Court On BS4 Vehicle Registration: देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। एक तरह देश के कोरोना संकट के चलते वाहनों की बिक्री की रफ्तार धीमीं हो चुकी है दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने भी BS-4 वाहनों के रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) पर रोक लगा दी है। माननीय न्यायालय ने सभी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटियों को निर्देशित किया है कि अग्रिम आदेश तक देश में BS-4 उत्सर्जन मानक वाले वाहनों का पंजीकरण न किया जाए।
दरअसल, जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने वाहनों की बिक्री की इजाजत देने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि, हम ऐसे वाहनों के वापस लेने के आदेश को पारित नहीं कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि, वाहन निर्माता कंपनियों को पहले से ही नए उत्सर्जन मानक की समय सीमा के बारे में जानकारी थी, तो ऐसी स्थिति में उन्हें पुराने मानक वाले वाहनों को वापस लेना चाहिए था।
क्या है पूरा मामला: बता दें कि, बीते 1 अप्रैल से देश में नए उत्सर्जन मानक BS6 को लागू कर दिया गया है। इससे पहले 31 मार्च 2020 तक का समय सभी डीलर्स के पास था ताकि वो पुराने मानक वाले वाहनों की बिक्री कर सकें। लेकिन इसी बीच 22 मार्च को कोरोना संक्रमण के चलते देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया और 25 मार्च से देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी। लॉकडाउन की घोषणा के बाद वाहनों की बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई, जिसके बाद डीलर्स एसोसिएशन ने BS4 वाहनों की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी।
एसोसिएशन की मांग और मौजूदा BS4 स्टॉक को देखते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में पहला बदलाव करते हुए कहा था कि, लॉकडाउन खत्म होने के बाद डीलर्स के पास 10 दिनों का समय होगा ताकि वो अपने BS4 स्टॉक को क्लीयर कर सकें। लेकिन वाहनों की बिक्री कुल स्टॉक की महज 10 प्रतिशत ही होनी चाहिएं। इसके अलावां यह नियम दिल्ली NCR में लागू नहीं होगा।
कोर्ट द्वारा आदेश मिलने के बाद देश में धडल्ले से BS4 वाहनों की बिक्री हुई है, अब सुप्रीम कोर्ट ने डीलर संघ को निर्देश दिया है कि वह मार्च के आखिरी सप्ताह में ऑनलाइन या प्रत्यक्ष तरीके से बेचे गए वाहनों का ब्योरा पेश करे। पीठ ने कहा है कि वो लॉकडाउन के दौरान बेचे गए BS4 वाहनों के पंजीकरण की जांच करना चाहती है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी।
क्या है BS (भारत स्टैंडर्ड): दरअसल यह भारत स्टेज इमिशन स्टैंडर्ड मानक है जो कि सरकार द्वारा बनाया गया है। हमारे यहां पर प्रयोग किया जाने वाला मानक यूरोपियन रेगुलेशन पर आधारित है। इसका उद्देश्य वाहनों द्वारा उत्सर्जित किये जाने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना है। इसकी शुरूआत साल 2000 में की गई थी। अक्टूबर 2010 में BS3 मानक को देश में लागू किया गया और तकरीबन 7 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद देश में अप्रैल 2017 से BS4 मानक को लागू किया गया था। अब देश में नए BS6 मानक को 1 अप्रैल 2020 से लागू कर दिया गया है।
