Economic Survey 2018-19: इस बार आर्थिक समिक्षा में कहा गया है कि देश को बिजली से चलने वाली वाहनों (इलेक्ट्रिक-वाहन) पर जोर देना चाहिए और इसे ग्राहकों के लिए आकर्षक विकल्प बनाने के लिए जीवनकाल तक रखने की लागत में कमी करने के लिए नीतिगत प्रयास करने की जरूरत है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2018-19 पेश की। समीक्षा में बताया गया है कि देश इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर सकता है। इससे रोजगार और प्रगति के अवसर का सृजित होंगे। भारत के लिए सार्वभौमिक चार्जिंग मानक और पर्याप्त चार्जिंग बुनियादी ढांचे स्थापित करने के लिए नीतिगत प्रयास करने की जरूरत है।

इसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहन स्थायी परिवहन व्यवस्था में अगली पीढ़ी की अगुवाई करता है इसलिए भारत को इस पर जोर देना चाहिए। वर्तमान में भारतीय बाजार में कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा महज 0.06 प्रतिशत है जबकि चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत और नॉर्वे में 39 प्रतिशत है।

भविष्य में भारत के किसी शहर को इलेक्ट्रिक वाहनों के केंद्र के रूप में उभरते हुए देखने की कल्पना अविश्वसनीय नहीं होगी। समीक्षा में बताया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की लाइफ टाइम तक रखने की लागत को कम करने और इन्हें परम्परागत वाहनों का आकर्षक विकल्प बनाने के लिए उपयुक्त नीतिगत प्रयास किए जाने की जरूरत है।

हालांकि , भारत में चार्जिंग बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की दर धीमी है। नीति आयोग का हवाला देते हुए आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अगर 2030 तक निजी कारों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत , वाणिज्यिक वाहनों में 70 प्रतिशत , बसों में 40 प्रतिशत , दोपहिया और तीन पहिया वाहनों में 80 प्रतिशत पहुंच हो जाए तो कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन में 84.6 करोड़ टन तथा 47.4 करोड़ टन तेल के बराबर बचत की जा सकती है।

वर्ष 2018 में देश में ऐसे लगभग 54,800 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। सोसायटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इंलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) का हवाला देते हुए समीक्षा में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के मामले में 2017-18 में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर रहा। इस दौरान ,यहां 6,878 ई-वाहन की बिक्री हुई। हरियाणा में 6,307 इकाइयों, गुजरात में 6,010 इकाइयों, महाराष्ट्र में 4,865 इकाइयों और पश्चिम बंगाल में 4,706 इकाइयों की बिक्री हुई।

इनपुट: भाषा