Electric Vehicles : दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की ब्रिकी जोर पकड़ रही है, लेकिन भारत में अभी इसकी महज शुरुआत ही हुई है। वर्तमान में भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन तो मौजूद हैं, हालांकि लोग चार्जिंग स्टेशन, बैटरी और भारी कीमत के कारण इनसे दूरी बनाए हुए हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए वाहन निर्माताओं को रोड़ टैक्स से राहत दे दी है। बता दें, पैसेंजर व्हील पर एक्स शोरूम मूल्य का करीब 6 से 20 प्रतिशत रोड़ टैक्स लगाया जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में निर्मित होने वाले पहले एक लाख दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। वहीं चार पहियां वाहनों के लिए यह छूट 75 प्रतिशत तक रहेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड़ टैक्स में छूट मिलने का असर सीधा सीधा वाहन की कीमत पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए अगर आप दिल्ली एनसीआर में 10 लाख रुपये की इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं, तो इस पर करीब 75,000 रुपये रोड़ टैक्स के कम हो जाएंगे।

क्या है रोड टैक्स :रोड टैक्स प्रत्येक राज्य में अलग होता है, यह वह कर है जो आप सड़क पर वाहन चलाने में सक्षम होने के लिए भुगतान करते हैं। यह वाहन के पंजीकरण की अवधि के दौरान एक बार दिया जाता है। जो पंजीकरण की तारीख से लगभग 10 या 15 साल के लिए मान्य होता है। यह कर एक्स-शोरूम मूल्य के 6 प्रतिशत से 20 प्रतिशत के भीतर होता है।

क्या है एक्स-शोरूम मूल्य: कार को खरीदते समय आपके द्वारा खर्च किए जा रहे पैसे का सबसे बड़ा हिस्सा एक्स-शोरूम कीमत होती है, यह वह कीमत होती है, जो आप विज्ञापनों में देखते हैं। वास्तव में यह कार का आधार मूल्य है, जो प्रत्येक जगह यानी लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग होता है। इसके अलावा कार की कीमत में रोड टैक्स जैसे अन्य शुल्क भी लगाए जाते हैं।

नोट: यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह नियम सिर्फ यूपी में लागू किया गया है।