Budget 2025 Expectations (बजट 2025-26 से उम्मीद) Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजट पेश करने के लिए तैयार हैं। देशभर में अर्थशास्त्री और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स बजट 2025 से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं जिनसे इन्फ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर, MSEMs और दूसरे जरूरी सेक्टर को तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिल सके। सरकार द्वारा बजट में इस बार रेलवे, सड़क और डिफेंस जैसे सेक्टर में कैपिटल एक्सपेंडीचर में निवेश पर फोकस रखने की उम्मीद है।
वित्त मंत्र 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद पटल पर बजट 2025 पेश करेंगी। टैक्सपेयर्स भी इस बार वित्त मंत्री से इनकम टैक्स में राहत देने की उम्मीद कर रहा है। मिडिल-क्लास और सैलरीड क्लास को निर्मला ताई से बड़ी उम्मीदें और हो सकता है कि 10 लाख तक की आय टैक्स फ्री कर दी जाए। नए और पुराने टैक्स रिजीम, हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, वॉलंटरी NPS कॉन्ट्रीब्यूशन से जुड़े बड़े ऐलान भी आम बजट में किए जा सकते हैं। पढ़ें हर अपडेट लाइव…
बजट सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया का संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा फोकस 2047 पर होगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है और हम मिशन मोड में हैं।
मोदी सरकार के बजट में फोकस ग्रीन एनर्जी पर हो सकता है। बता दें कि इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि सरकार पॉवर सेक्टर को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकती है।
बजट में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देने की लंबे समय से मांग हो रही है। बजट में यह मांग पूरी हो सकती है क्योंकि ये सेक्टर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देता है।
बजट में देश के वरिष्ठ नागरिक मांग कर रहे हैं कि रेलवे में यात्रा पर उन्हें छूट मिलनी चाहिए। बता दें कि रेलवे उन्हें कोविड से पहले छूट देता था। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक टैक्स में छूट की मांग कर रहे हैं।
बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार से बढ़ा कर 75 हजार रुपये कर दी। यानि उनकी कर योग्य आय में से 25000 रुपये और कम हो जाया करेंगे।
बजट से ऑटो इंडस्ट्री की मांग है कि हेलमेट पर लगने वाले जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करना चाहिए। साथ ही इंडस्ट्री ने लॉजिस्टिक्स को 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक होने के लिए अनिवार्य करने की भी सिफारिश की है।
बजट 2025 की तैयारियां की जा रही हैं और 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) यूनियन बजट (Union Budget) पेश करेंगी। बजट में टैक्सपेयर्स को वित्त मंत्री से बड़ी उम्मीदें है और नए रिजीम के तहत टैक्स छूट सीमा 10 लाख रुपये तक होने की उम्मीद है। आज हम आपको बता रहे हैं पिछले 10 सालों में इनकम टैक्स स्लैब रेट क्या रहा है? यहां पढ़ें पूरी खबर
ब्लॉकचेन फॉर इम्पैक्ट (बीएफआई) के संस्थापक संदीप नेलवाल ने कहा,
“केंद्रीय बजट-2025 पेश होने ही वाला है और मेरा मानना है कि सरकार वहनीय विकास तथा वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य सेवा और इस क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों को प्राथमिकता देगी। पिछले साल स्वास्थ्य सेवा के लिए जो 89,287 करोड़ रुपये का सरकारी आवंटन किया गया था वह पहले की तुलना में स्वास्थ्य सेवा निवेश को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और जैव चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण का समर्थन करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम था। मज़बूत बजट स्वस्थ कार्यबल की ज़रूरतों को पूरा कर भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा जो उद्यमशील उपक्रमों को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे स्वास्थ्य सेवा उपकरण एवं दवा खंड में घरेलू स्तर पर नवोन्मेष और विनिर्माण भी बढ़ेगा जिससे आयात लागत कम होगी। यह 'मेक इन इंडिया' दृष्टिकोण के अनुरूप होगा जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
भारत के स्टार्ट-अप परितंत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है और अब यह 25 दिसंबर, 2024 तक 157,066 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप के साथ वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है। यह एक ऐसा वातावरण बनाने के प्रति देश की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है जहां नवोन्मेष और उद्यमिता पनप सके और आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण में योगदान दे सके। इस साल का बजट सार्वजनिक-निजी भागीदारी के ज़रिये जैव चिकित्सा के जुड़े बुनियादी ढांचे के बेहतर तरीके से विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित कर इस क्षेत्र में रणनीतिक निवेश और लक्षित सुधार प्रदान कर सकता है। ऐसा विशेष रूप से वंचित ग्रामीण क्षेत्रों तक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा की पहुंच का विस्तार करने के लिए महत्वपूर्ण है।“
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट की संस्थापक और प्रबंध ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन कहती हैं, ‘‘सूक्ष्म उद्यमियों के लिए मुख्य चिंताओं में से एक समय पर और पर्याप्त ऋण तक पहुंच है। आम तौर पर फिनटेक कंपनियां और एनबीएफसी कुछ दिनों में ऋण को प्रोसेस करते हैं, लेकिन बैंक अभी भी 2-3 महीने का समय लेते हैं, जिससे देरी होती है। मुद्रा योजना के तहत वर्तमान ऋण आकार, विशेष रूप से शिशु श्रेणी में, औसतन 37,000 रुपये है, जो सूक्ष्म उद्यमियों के लिए अपने व्यवसायों को प्रभावी ढंग से विस्तारित करने और बनाए रखने के लिए अपर्याप्त है। ऋण राशि में वृद्धि, 4 प्रतिशत तक ब्याज छूट प्रदान करना, मार्जिन मनी आवश्यकताओं को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करना और प्रोसेसिंग शुल्क कम करना सूक्ष्म व्यवसायों पर पड़ने वाले वित्तीय दबाव को कम करेगा। इसके अतिरिक्त, ऋण प्रोसेसिंग और ऋण गारंटी शुल्क को घटाकर 0.25 प्रतिशत किया जाना चाहिए।’’
बजट में 15 लाख से 20 लाख रुपये के बीच की इनकम के लिए 25% का अतिरिक्त टैक्स स्लैब पेश किया जा सकता है। पढ़ें पूरी खबर
वित्त मंत्री ने बजट भाषण 2024 में बताया था कि करीब दो-तिहाई लोगों ने न्यू टैक्स रिजीम को अपनाया है। उन्होंने न्यू टैक्स रिजीम से जुड़ी दो अहम घोषणाएं भी की थीं।
बजट में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देने की लंबे समय से मांग हो रही है। इस बजट में यह मांग पूरी हो सकती है। बता दें कि ये सेक्टर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देता है
केंद्रीय बजट 2025-26 से पहले नई टैक्सपेयर्स व्यवस्था के तहत छूट सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की संभावना जोर पकड़ रही है। इस तरह के उपाय न केवल मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को वित्तीय राहत प्रदान कर सकते हैं, बल्कि मांग और खपत को भी बढ़ावा दे सकते हैं। इस प्रक्रिया में आर्थिक विकास में मदद मिलेगी
एफएमसीजी सेक्टर को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में राहत देंगी। इससे खपत बढ़ेगी क्योंकि तब लोगों के हाथ में अधिक पैसे खर्च करने के लिए बचेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान कर सकती हैं। बता दें कि पिछले साल जुलाई में बजट में इसमें कमी की गई थी। अगर सरकार ऐसा करती है तो डॉलर रुपए के मुकाबले कमजोर होगा।
देश के वरिष्ठ नागरिक मांग कर रहे हैं कि रेलवे में यात्रा पर उन्हें छूट मिलनी चाहिए। बता दें कि रेलवे उन्हें कोविड से पहले छूट देता था। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक टैक्स में छूट की मांग कर रहे हैं।
सरकार बजट में भारतीय रेल को भी अधिक महत्व देगी। दरअसल रेलवे के आधुनिकीकरण पर सरकार का फोकस रहा है। इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी सरकार का फोकस रहा है। कहा जा रहा है कि बजट में सड़क परिवहन की तुलना में रेलवे के आधुनिकीकरण पर सरकार ज्यादा फोकस कर सकती है और इससे लॉजिस्टिक्स और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को काफी फायदा होगा।
पिछले बजट में एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए सरकार नेपेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय को 1.19 ट्रिलियन रुपये का बजट आवंटित किया था। हालांकि सरकार ने पेट्रोलियम सब्सिडी में कमी कर दी थी। इस बार ऑयल इंडस्ट्री को उम्मीद है कि एक्साइज ड्यूटी कम होगी। अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सकते हैं और इससे ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स के कॉस्ट भी कम होंगे। अगर ऐसा होता है तो इससे आम आदमी की रोजमर्रा की चीज भी सस्ती होगी।
मोदी सरकार का फोकस इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पर है। अब सरकार मोबाइल की मैन्युफैक्चरिंग पर भी फोकस कर रही है। ऐसे में अगर बजट में इससे संबंधित कोई घोषणा होती है, तो मोबाइल और उसके पार्ट्स के दामों में कमी आ सकती है।
बजट में सरकार का फोकस किन-किन पर रहेगा?
किसान
महिलाएं
गरीब
युवा
PM Kisan Samman Nidhi Yojana (पीएम किसान सम्मान निधि योजना) की राशि में होगा इजाफा? उम्मीद की जा रही है कि सरकार पीएम किसान योजना की रकम को हर साल 6000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये किया जा सकता है।
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 को इस कानून से बदल सकती सरकार, जानें टैक्सपेयर्स पर होगा क्या असर
बजट को लेकर इन सभी उम्मीदों के बीच रिपोर्ट्स बता रही हैं कि केंद्र जल्द ही आयकर कानूनों का एक सिम्पलीफाइड वर्जन, डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) 2025 पेश कर सकता है। डीटीसी को आयकर अधिनियम, 1961 के स्थान पर लाया जाएगा। डायरेक्ट टैक्स कोड आयकर कानूनों में बदलाव लाएगी, उन्हें सरल बनाएगी और व्यक्तियों, सरकार और उद्योग के लिए कानूनी कठिनाइयों और मुकदमेबाजी को कम करेगी। पूरी खबर
इसके अलावा अगर आप टीवी पर बजट 2024 को लाइव देखना चाहते हैं तो संसद टीवी (Sansad TV) पर होने वाले लाइव प्रसारण को देख सकते हैं। संसद टीवी के यूट्यूब पर भी लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी।
केंद्रीय बजट 2025-26, 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। इस बजट पर पूरे देश में होम लोन (HOME LOAN) लेने वाले नागरिक भी उम्मीद भरी आंखों से देख रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वित्त मंत्री घर खरीदना ज़्यादा आसान बनाएंगी। घर खरीदने वालों को उम्मीद है कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत MIG श्रेणी के लिए भी क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) को फिर से शुरू करेगी, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी गई थी।
यूनियन बजट 2024 में इकोनॉमिक रिकवरी और ग्रोथ बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए जा सकते हैं। बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कैपेक्स बढ़ने की उम्मीद है ताकि ना केवल अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके बल्कि रोजगार भी सृजित हो सके
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025 में इनकम टैक्स स्लैब से जुड़े बड़े बदलाव का ऐलान कर सकती हैं। उम्मीद की जा रही है कि नए टैक्स रिजीम के तहत 10 लाख तक आय टैक्स फ्री हो सकती है।
अगर सरकार का अनुमानित खर्च उसकी कमाई से अधिक रहने का लेखा जोखा पेश किया जाए तो इसे घाटे का बजट कहा जाता है। इस प्रकार का बजट भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए सबसे उपयुक्त है। मंदी के समय विशेष रूप से सहायक, घाटे का बजट अतिरिक्त मांग उत्पन्न करने और आर्थिक विकास दर को बढ़ावा देने में मदद करता है।
सरकार रोजगार दर सुधारने के लिए अत्यधिक खर्च करती है। इसके परिणामस्वरूप वस्तुओं और सेवाओं की मांग में वृद्धि होती है जो अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करती है। सरकार इस राशि को सार्वजनिक उधार (सरकारी बांड जारी करके) या अपने संचित आरक्षित अधिशेष से निकालकर खर्च को कवर करती है।
जब सरकार के खर्च से ज्यादा उसकी आमदनी होती है तो उसे सरप्लस बजट कहते हैं। किसी एक वित्त वर्ष में सरकार के पास अतिरिक्त रकम बचना सरप्लस बजट कहलाता है। इसका मतलब यह है कि किसी वित्त वर्ष में सरकार जितनी रकम खर्च करेगी, टैक्स एवं अन्य स्रोत से उसकी कमाई अधिक रह सकती है। इसका अर्थ यह भी है कि सरकार जनकल्याण के काम पर जितनी रकम खर्च करेगी, उससे अधिक रकम टैक्स से जुटा लेगी। इस तरह का बजट महंगाई नियंत्रित करने के लिए बनाया जाता है।
किसी एक वित्त वर्ष में सरकार की आमदनी और खर्च के आंकड़े बराबर हों तो उसको संतुलित बजट कहा जाता है। बहुत से एक्सपर्ट और अर्थशास्त्री सरकार से इसी तरह के बजट की उम्मीद करते हैं। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि सरकार अपनी आमदनी के हिसाब से ही पैसे खर्च करेगी

