केंद्र सरकार ने भारतीय दूरसंचार निगम (BSNL) के प्‍लान को मंजूरी दे दी है। BSNL का प्‍लान 4G नेटवर्क में बड़ी कंपनियों को टक्‍कर देते हुए आईटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विस (TCS) को दिए 26,821 करोड़ रुपये के ऑर्डर को आगे बढ़ाने का है। अधिकारिक तौर दी गई जानकारी के अनुसार, बीएसएनएल कंपनी जल्‍द ही टीसीएस को 100,000 साइट खरीदने के लिए ऑर्डर देगी।

बीएसएनएल के साथ हुई डील के तहत, आईटी कंपनी टीसीएस 9 साल के लिए 4G नेटवर्क को मेंटेन करने और साइट लगाने का काम करेगी। डिपॉर्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) के एक अधिकारिक बयान के अनुसार, BSNL के पास 111 मिलियन के आसापास वायरलेस सब्‍सक्राइबर हैं, जिसका लक्ष्‍य दिसंबर या जनवरी तक 4G सेवाओं को पूरे देश में लागू करना है।

अधिकारी ने कहा कि टीसीएस ने पिछले महीने खरीद आदेश के 12 महीने के भीतर पूरे उपकरण की आपूर्ति करने का प्रस्ताव रखा था, जबकि रेडियो उपकरण की आपूर्ति 18-24 महीने की अवधि में पूरी की जाएगी। लेकिन चिपसेट की कमी और रेडियो उपकरणों को बढ़ाने के दवाब के कारण आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। ऐसे में टाटा संस की कंपनी तेजस नेटवर्क से BSNL के लिए स्थानीय रूप से नेटवर्क उपकरण बनाने की उम्मीद है।

5G को भी रोलआउट करेगा BSNL

4G सर्विस को लॉन्‍च करने के बाद कंपनी BSNL का टारेगट अगले साल अगस्‍त तक 5G को पेश करना है। कंपनी की तरफ से अधिकारिक बयान में कहा गया है कि 4G और 5G को एक साथ विस्‍तार करेगा। टेलीमैटिक्स के विकास केंद्र (C-DoT), एक सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार प्रौद्योगिकी डेवलपर, ने कोर 4G समाधान के साथ-साथ रेडियो उपकरण विकसित करने के लिए टीसीएस के साथ भागीदारी की है।

टेलीकॉम की बड़ी कंपन‍ियों को मिल सकती है टक्‍कर

BSNL को उम्‍मीद है कि 4G सर्विस के लागू होने के बाद, ज्‍यादा से ज्‍यादा कस्‍टमर्स उसके साथ जुड़ेंगे। इस कारण वोडाफोन आइडिया, रिलायंस जियो और एयरटेल को एक चुनौती मिल सकती है। वहीं सरकार का मानना है कि बीएसएनएल के 4G नेटवर्क का सफल रोलआउट भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन, फिनलैंड, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों के एक प्रतिष्ठित क्लब में ले जा सकता है।