अडाणी समूह ने गुजरात में एक एकीकृत इस्पात संयंत्र लगाने और अन्य कारोबारी संभावनाओं की तलाश के लिए दक्षिण कोरियाई कंपनी पॉस्को के साथ पांच अरब डॉलर यानी लगभग 37 हजार करोड़ रुपए का प्रारंभिक समझौता किया है। दोनों कंपनियों ने बृहस्पतिवार को इस आशय के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह एक गैर-बाध्यकारी करार है और इसके मूर्त रूप लेने की स्थिति में अडाणी समूह के लिए इस्पात क्षेत्र में कदम रखने का रास्ता साफ हो जाएगा।

समझौते के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, “गुजरात के मूंदड़ा में हरित, पर्यावरण-अनुकूल एकीकृत इस्पात कारखाने की स्थापना और अन्य उद्यमों समेत व्यावसायिक सहयोग के अवसर तलाशने की सहमति जताई है। इसमें पांच अरब डॉलर तक का निवेश होने की संभावना है।’’ वहीं, पॉस्को के लिए यह भारत में इस्पात संयंत्र लगाने का पुराना सपना पूरा करने का एक अवसर है। पॉस्को को कुछ साल पहले ओडिशा में 12 अरब डॉलर की लागत से एक इस्पात संयंत्र लगाने की अपनी योजना से भूमि अधिग्रहण संबंधी विरोधों के बाद पीछे हटना पड़ा था।

अडाणी समूह और पॉस्को के बीच समझौता ज्ञापन पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। राज्य के उद्योग विभाग और अडाणी समूह एवं पॉस्को के बीच इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन 2022 के हिस्से के रूप में किया गया है। यह सम्मेलन 10-12 जनवरी को गांधीनगर में होने वाला था लेकिन कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया है।

हालांकि इस बयान में यह नहीं बताया गया है कि दोनों कंपनियां अपने-अपने स्तर पर कितना निवेश करेंगी। इसके अलावा साझेदारी का ब्योरा भी नहीं दिया गया है। मूदंड़ा में प्रस्तावित इस संयंत्र के वर्ष 2026 तक तैयार हो जाने की संभावना जताई गई है। इसकी उत्पादन क्षमता 50 लाख टन वार्षिक होगी।

खास बात यह है कि इसमें हरित ऊर्जा का भी इस्तेमाल किया जाएगा। अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा, “यह साझेदारी भारत के विनिर्माण उद्योग की वृद्धि में योगदान देगा और आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती मिलेगी। इससे हरित कारोबार में भारत की स्थिति भी मजबूत होगी।”

पॉस्को के मुख्य कार्यपालक अधिकारी जियोंग-वू चोई ने अडाणी के साथ जारी संयुक्त बयान में कहा, “इस्पात विनिर्माण में हमारी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और ऊर्जा एवं अवसंरचना में अडाणी समूह की विशेषज्ञता के साथ दोनों कंपनियां इस्पात एवं पर्यावरण-अनुकूल कारोबार में परस्पर सहयोग के साथ काम कर सकेंगी।” पॉस्को दक्षिण कोरिया की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी है और उसका रसायन, ऊर्जा एवं ढांचागत क्षेत्रों में भी दखल है।

स्टील निर्माण के क्षेत्र में हिंदुस्तान में सबसे बड़ा निर्माता मौजूदा समय में जेएसडब्ल्यू स्टील है, जो कि 27 मिलियन टन प्रति सालाना, सेल 19.6 मिलियन टन प्रति सालाना, टाटा स्टील 19.4 मिलियन टन प्रति सालाना, आर्कलॉरमित्तल निप्पॉन 10 मिलियन टन प्रति सालाना और जिंदल स्टील एंड पावर 8.6 मिलियन टन प्रति सालाना तैयार करते हैं।

RIL हरित ऊर्जा, अन्य प्रोजेक्ट्स में 5.95 लाख करोड़ करेगी निवेशः इस बीच, जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अगले 10 से 15 साल के दौरान गुजरात में हरित ऊर्जा और अन्य परियोजनाओं में 5.95 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी। इसके अलावा कंपनी सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल, हाइड्रोजन उत्पादन के लिये इलेक्ट्रोलाइजर, ऊर्जा भंडारण बैटरी और फ्यूल सेल के विनिर्माण के लिए कारखानों की स्थापना को लेकर 60,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

साथ ही अगले तीन से पांच साल में मौजूदा परियोजनाओं और नए उपक्रमों में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा रिलायंस ने जियो के अपने दूरसंचार नेटवर्क को 5जी में बदलने के लिए तीन से पांच वर्ष में 7,500 करोड़ रुपये और रिलायंस रिटेल में अगले पांच साल के दौरान 3,000 करोड़ रुपये निवेश करने का भी प्रस्ताव दिया है।