एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) भारत के इतिहास के सबसे बड़े आईपीओ की तैयारी कर रही है, क्योंकि कंपनी अपनी टेलीकॉम यूनिट, जियो इन्फोकॉम को सार्वजनिक करने पर विचार कर रही है, आइए जानते हैं…
कितना पैसा जुटाने का है प्लान?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह ग्रुप कंपनी में 5% हिस्सेदारी बेचकर 52,200 करोड़ रुपये (करीब 6 अरब डॉलर) जुटाने की योजना बना रहा है।
इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ
इस आईपीओ के आकार को देखते हुए, यह लिस्टिंग न केवल पिछले सभी घरेलू आईपीओ रिकॉर्डों को पीछे छोड़ सकती है, बल्कि यह साल के सबसे बड़े ग्लोबल आईपीओ में से एक भी होगी। हालांकि यह योजना अभी शुरुआती चरण में है, रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी रेगुलेटरी अप्रूवल प्राप्त करने के लिए सेबी के साथ अनौपचारिक बातचीत कर रही है।
भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ पहले एलआईसी का था लेकिन 2024 में, हुंडई मोटर इंडिया ने अपने 28,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ बढ़त हासिल कर ली, जो वर्तमान में रिकॉर्ड सबसे बड़ा है। अब जियो आईपीओ पाइपलाइन में है और यह जल्द ही भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बनकर इतिहास रच सकता है।
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मार्केट रेगुलेटर से मांगी गई 25% फ्लोट पर छूट
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, RIL ने सेबी के साथ अनौपचारिक चर्चा शुरू कर दी है, जिसमें कंपनियों के लिए न्यूनतम 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता बनाए रखने के मौजूदा नियम से छूट मांगी गई है। कथित तौर पर कंपनी ने चिंता व्यक्त की है कि घरेलू मार्केट में हाई फ्लोट को समाहित करने के लिए पर्याप्त गहराई नहीं हो सकती है, जिसके कारण छूट का अनुरोध किया गया है।
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कब आ सकता है आईपीओ?
रिपोर्ट के अनुसार, आईपीओ अगले साल की शुरुआत में मार्केट में आ सकता है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
जियो के बारे में
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड, जिसे आम तौर पर जियो के नाम से जाना जाता है, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अंतर्गत एक टेलीकॉम कंपनी है। इसकी शुरुआत साल 2016 में हुई, यह भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक बन गई है।
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