यदि आप यह सोच रहे हैं कि मई के बाद बैंक लोन की ईएमआई कैसे भरेंगे तो फिर यह खबर आपके लिए अहम है। सूत्रों के मुताबिक बैंकों की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक से अपील की गई है कि लोन मोराटोरियम की अवधि को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया जाए। फिलहाल रिजर्व बैंक के आदेश पर देश के सभी बैंक हर तरह के टर्म लोन पर मार्च से लेकर मई तक किस्तों में अदायगी पर छूट दे रहे हैं। हालांकि इस अवधि के दौरान भी लोन पर ब्याज जारी रहेगा, जिसे मोराटोरियम की अवधि के बाद चुकाना है। ग्राहक बढ़े हुए ब्याज को आगे की किस्तों में भी एडजस्ट करा सकते हैं। हालांकि ऐसा करने पर किस्तों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

बैंकों की ओर से आरबीआई से कहा गया है कि ईएमआई को स्थगित करने की सुविधा को 90 दिनों के लिए और बढ़ाया जाना चाहिए। बैंकों ने कहा कि ज्यादातर कारोबार के मई में ही दोबारा शुरू होने की संभावना है। ऐसे में ज्यादातर लोगों औऱ कारोबारियों के लिए जून के महीने से किस्तों को चुका पाना संभव नहीं होगा।

बैंकों ने आरबीआई से कहा है कि हमें ग्राहकों को 90 दिनों का और वक्त देना होगा ताकि कैशफ्लो ठीक हो सके। बैंकों ने कहा कि आरबीआई ने अभी तक कोई ऐलान नहीं किया है, लेकिन बढ़े हुए लॉकडाउन के चलते कर्जधारकों की स्थिति केंद्रीय बैंकों को भी मालूम है। बता दें कि शनिवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सरकारी और निजी बैंकों के प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की थी।

इस मीटिंग में मोराटोरियम के अलावा अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टर्स में कैश फ्लो को लेकर भी चर्चा हुई। यही नहीं आरबीआई ने बैंकों से उनकी अंतरराष्ट्रीय शाखाओं में कामकाज को लेकर भी जानकारी मांगी। बैंकों ने कहा कि भले ही सरकार ने लॉकडाउन में कुछ राहत दे दी है, लेकिन अब भी 80 फीसदी कॉरपोरेट बिजनेस शुरू नहीं हो सके हैं। इसकी वजह यह है कि ये बिजनेस प्रतिष्ठान रेड जोन वाले इलाकों में ही हैं। बैंकों ने कहा कि भले ही सरकार की ओर से राहतें दी गई है, लेकिन ज्यादातर कारोबार के लॉकडाउन से पहले शुरू होने की संभावना नहीं है।

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