केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ईपीएफ पर टैक्स लेने का फैसला वापस लिया है। वित्त मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में इस बात की घोषणा की है। आम बजट में जेटली द्वारा ईपीएफ से पैसे निकालने वक्त 60 फीसदी रकम पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया था। इस प्रस्ताव की हर तरफ आलोचना हुई। भाजपा में भी इसे लेकर नकारात्मक माहौल था। इसलिए अंततः जेटली ने इसे वापस लेने की घोषणा की।
इस फैसले को चुनावी नजरिए से भी महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है ऐसे में भाजपा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी। केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने भी राज्यसभा में इसके संकेत दिए थे। उन्होंने सदन में कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर सभी पक्षों से बातचीत कर रही है। बजट भाषण के मुताबिक यह फैसला 1 अप्रैल 2016 से लागू होना था।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वितमंत्री अरुण जेटली से 60 फीसदी ईपीएफ पर टैक्स के प्रस्ताव पर दोबारा से विचार करने के लिए कहा था। पीएमओ में इसे लेकर उच्च स्तर की बैठक भी हुई थी। गौरतलब है कि बजट में इसकी घोषणा किए जाने के बाद पूरे देश में इसका विरोध किया जा रहा था। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि केंद्र सरकार अपने इस फैसले को वापस ले सकती है।
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