रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने अनिल अंबानी के खिलाफ अब दिवालिया केस चलाने की मंजूरी दे दी है। NCLT ने भारतीय स्टेट बैंक की ओर से दायर केस की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। भारतीय स्टेट बैंक से उनकी कंपनियों रिलायंस कॉम्युनिकेशंस और रिलायंस इन्फ्राटेल ने 1,200 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसे कंपनियां नहीं चुका पा रही हैं। इन कर्जों को अनिल अंबानी ने अपनी पर्सनल गारंटी पर लिया था। ऐसे में NCLT ने अब उनके खिलाफ दिवालिया केस चलाने की मंजूरी दी है।
अनिल अंबानी ने अपनी पर्सनल गारंटी पर 2016 में ये कर्ज लिए थे और अब दोनों ही कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं। इससे पहले एसबीआई ने NCLT मुंबई से अपील की थी कि बैंकरप्सी लॉ के पर्सनल गारंटी क्लॉज के तहत उसे रकम को रिकवर करने का अधिकार मिलना चाहिए।एनसीएलटी ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, ‘जनवरी 2017 में ही आरकॉम और रिलायंस टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के लोन खाते डिफॉल्ट हो गए थे। इन दोनों खातों को अगस्त 2016 से ही डिफॉल्ट माना गया।’
बता दें कि अनिल अंबानी की टेलिकॉम कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस ने 2019 की शुरुआत में बैकरप्सी के लिए आवेदन किया था। उस वक्त कंपनी पर कुल 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज था। हालांकि एसबीआई समेत तमाम कर्जदाता बैंकों ने आरकॉम पर 49,000 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज का दावा किया है। गौरतलब है कि देश के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी लगातार संकट में घिरते जा रहे हैं। उनकी दिवालिया कंपनी आरकॉम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। कंपनी पर करीब 25,000 करोड़ रुपये की रकम सरकारी एजीआर के तौर पर बकाया है।