अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से सेबी (धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध) विनियम, 2003 और सेबी अधिनियम, 1992 के कथित उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस मिला है।

समझौते के आठ महीने बाद सेबी का कारण बताओ नोटिस

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि कारण बताओ नोटिस सीएलई प्राइवेट लिमिटेड में उसके निवेश से संबंधित है। हालांकि, कंपनी ने बताया कि सेबी का नोटिस सीएलई प्राइवेट लिमिटेड के साथ विवाद के समाधान के लगभग आठ महीने बाद आया है।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने कहा, “सीएलई प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता पहले ही हो चुका है और मध्यस्थता अधिनियम, 2023 के अनुसार पूरी तरह से लागू है। कंपनी कानूनी सलाह के अनुसार इस मामले में उचित कदम उठाएगी।”

Patna Metro: बिहार को मिली पहली मेट्रो ट्रेन; जानें रूट, किराया समेत बाकी डिटेल

रिलायंस पावर ने क्या कहा?

समूह की एक अन्य कंपनी, रिलायंस पावर को भी सीएलई प्राइवेट लिमिटेड में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के निवेश के संबंध में कारण बताओ नोटिस मिला है। हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि इस कंपनी में उसका जीरो एक्सपोजर है।

रिलायंस पावर ने बीएसई को दी गई अपनी फाइलिंग में कहा, “कंपनी का सीएलई प्राइवेट लिमिटेड में कोई जोखिम नहीं है। कंपनी कानूनी सलाह के अनुसार इस मामले में उचित कदम उठाएगी।”

कॉलेज की उम्र में खड़ा कर दिया हजारों करोड़ का साम्राज्य, भारत के 10 सबसे युवा अरबपतियोंं की लिस्ट देख चौंक जाएंगे

Reliance Infrastructure Share Price

बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी के शेयर में इस साल अब तक 25.36 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। पिछले 1 साल में कंपनी के शेयर में करीब 17.36 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

Reliance Power Share Price

बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी का शेयर पिछले 1 सप्ताह में करीब 0.81 फीसदी उछला है। वही, पिछले 6 महीने में कंपनी के शेयर में करीब 14.57 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। पिछले 1 साल में कंपनी के शेयर में करीब -7.58 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।