रिलायंस ग्रुप के मुखिया अनिल अंबानी की कई कंपनियां कर्ज के बोझ में दबी हैं। इनमें से एक रिलायंस कैपिटल भी है। हालांकि, अनिल अंबानी ने रिलायंस कैपिटल के लिए बेटे अनमोल को लकी बताया था लेकिन अब यह कंपनी कर्ज के जाल में फंसी हुई है।
अनमोल को बताया था लकी: साल 2016 की बात है, रिलायंस ग्रुप के मुखिया अनिल अंबानी ने अपने बेटे अनमोल को रिलायंस कैपिटल के नए डायरेक्टर के तौर पर परिचय कराया। इसके साथ ही अनिल अंबानी ने कहा कि अनमोल अपने साथ काफी अच्छा भाग्य लाए हैं। अनिल अंबानी ने रिलायंस कैपिटल के शेयर मूल्य का उदाहरण देते हुए कहा कि बोर्ड में शामिल होने के बाद से कंपनी के शेयर मूल्य में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। तब उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘अनमोल इफेक्ट’ आगे भी जारी रहेगा। (ये पढ़ें-अडानी संभाल रहे हैं अंबानी का कारोबार)
कर्ज के बोझ में दबी रिलायंस कैपिटल: हालांकि, अनिल अंबानी के बेटे का ‘अनमोल इफेक्ट’ ज्यादा दिन तक नहीं रह सका। साल 2017 तक जिस रिलायंस कैपिटल का शेयर भाव 800 रुपये के स्तर पर था, वही अब 10 रुपये के स्तर पर आ चुका है। पिछले साल अप्रैल महीने में ही कंपनी का शेयर भाव 5 रुपये से भी नीचे चल गया था। (ये पढ़ें—जब अंबानी की डील पर बिड़ला परिवार को हुई आपत्ति)
इस लिहाज से देखें तो निवेशकों को 95 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। वहीं, कंपनी के मार्केट कैपिटल की बात करें तो 260 करोड़ रुपये के करीब है। आपको बता दें कि रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की अहम कंपनी है। इस पर कुल वित्तीय बोझ 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है। कर्ज की वजह से कंपनी बिक्री प्रक्रिया से गुजर रही है। बीते दिसंबर तिमाही में कंपनी को कुल 4018 करोड़ का घाटा हुआ है।
अनमोल अंबानी के बारे में: अनिल अंबानी के बड़े बेटे अनमोल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के जॉन कैनन स्कूल से की है। इसके बाद वह ब्रिटेन के वारविक बिजनेस स्कूल में पढ़ने चले गए। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2014 में रिलायंस म्युचुअल फंड से की बाद में रिलांयस कैपिटल बोर्ड से जुड़ गए। आमतौर पर अनमोल अंबानी लाइमलाइट से दूर रहते हैं लेकिन बीते दिनों वह अपने एक ट्वीट की वजह से चर्चा में आ गए थे।
असल में अनमोल अंबानी ने लॉकडाउन को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। अनमोल के मुताबिक लॉकडाउन हमारे समाज और अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अनमोल ने कहा कि शूटिंग, क्रिकेट खेलने और नेताओं को रैलियां करने की इजाजत है लेकिन आम लोगों के लिए उनका काम जरूरी नहीं है।