प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक धोखाधड़ी व मनीलॉन्ड्रिंग मामले में रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को अगले सप्ताह एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इससे पहले एजेंसी ने 66 वर्षीय उद्योगपति से अगस्त में पूछताछ की थी। सूत्रों ने बताया कि अनिल अंबानी को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में कथित बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग मामले में 14 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। एजेंसी ने हाल ही में अंबानी की समूह कंपनियों के खिलाफ जांच के तहत 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की है। 

अधिकारियों ने बताया कि उद्योगपति को एजेंसी के दिल्ली मुख्यालय में जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है। नया समन लगभग तीन महीने बाद जारी किया गया है। इससे पहले ईडी ने इसी मामले में अनिल अंबानी से आठ घंटे तक पूछताछ की थी।

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यह कदम ईडी द्वारा हाल ही में की गई कार्रवाई के बाद उठाया गया है जिसमें एजेंसी ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से जुड़ी 42 से ज्यादा संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है। इन संपत्तियों क अनुमानित कीमत 3,083 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। यह जांच रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) की कंपनियों से जुड़े कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले का हिस्सा है।

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ईडी के अनुसार, जांच में यह खुलासा हुआ है कि ADAG समूह की कई कंपनियों- जैसे रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM), रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL), रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (R-Infra) और रिलायंस पावर लिमिटेड, ने सार्वजनिक धन के धोखाधड़ीपूर्ण दुरुपयोग (fraudulent diversion of public money) में भूमिका निभाई है।

एजेंसी ने बताया कि Yes Bank द्वारा ADAG कंपनियों में निवेश करने से पहले उसे रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड से बड़ी रकम मिली थी। हालांकि, SEBI नियमों के तहत यह म्यूचुअल फंड अंबानी समूह की फाइनेंस कंपनियों में सीधे निवेश या फंड ट्रांसफर नहीं कर सकता था क्योंकि इससे हितों के टकराव (conflict of interest) का मामला बनता।

ईडी के प्रवक्ता ने कहा, “एजेंसी ने पूर्व-निर्धारित लाभार्थियों, फर्जी दस्तावेज़, ढीले नियंत्रण और मंजूरी से पहले की गई फंड ट्रांजैक्शन जैसी अनियमितताओं का एक पैटर्न पाया है। इस पूरे नेटवर्क के ज़रिए सार्वजनिक धन को आपस में जुड़ी कंपनियों के जाल के माध्यम से गबन (siphoning) किया गया।”