सब्सिडी और अलग-अलग कल्याणकारी योजनाओं पर होने वाला सरकारी खर्च सही हाथो तक पहुंचना चाहिए। यह बात बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा।

राज्यसभा में आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) विधेयक-2016 पेश करते हुए मंत्री ने कहा, ‘अगर सब्सिडी बिना पहचान के दी जाए, तो योग्यता नहीं रखने वालों को सब्सिडी मिलेगी और योग्य को सब्सिडी नहीं मिल पाएगी। इसलिए लोगों को सब्सिडी का लाभ देने के लिए आधार कार्ड या अन्य वैकल्पिक दस्तावेज को पूर्व शर्त बनाना होगा।’

जेटली ने कहा, ‘केंद्र और राज्य लोगों को कई प्रकार की सब्सिडी देते हैं। ये आर्थिक सहयोग, छूट और सब्सिडी जैसे नामों से दिए जाते हैं। यह राशि लाखों करोड़ों में होती है। यह सब्सिडी एक निश्चित राशि होनी चाहिए और योग्य लोगों को दी जानी चाहिए।”

उन्होंने कहा, ‘पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने भी आधार विधेयक लाया था। उस विधेयक में हालांकि व्यक्ति आंकड़े और बायोमीट्रिक सूचना हासिल करने का उद्देश्य नहीं बताया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘संप्रग के विधेयक से अलग वर्तमान प्रस्तावित विधेयक में गोपनीयता का सख्त प्रावधान किया गया है।’