8th Pay Commission News: आखिरकार 1.2 करोड़ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आठवें वेतन आयोग से जुड़ा बड़ा अपडेट मिल गया है। नए वेतन आयोग के गठन की घोषणा के करीब 10 महीने बाद केंद्र ने कल (28 अक्टूबर 2025) जस्टिस रंजन प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले नए पे पैनल के लिए Terms of Reference (ToR) को मंजूरी दे दी।

आपको बता दें कि आठवें वेतन आयोग के पैनल में दो अन्य सदस्य भी होंगे। और इसे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नए वेतन ढांचे, सेवानिवृत्ति लाभ और अन्य सेवा शर्तों पर सिफारिशें देने का कार्य सौंपा गया है। यह प्रक्रिया 18 महीनों के भीतर पूरी करनी होगी। इसका मतलब है कि आयोग संभवतः अप्रैल 2027 तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा।

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इसलिए जिन सरकारी कर्मचारियों को 8th Central Pay Commission (CPC) की सिफारिशों के जल्द लागू होने की उम्मीद थी, उन्हें फिलहाल झटका लगा है। अगर पिछले अनुभवों को देखें तो पिछले दो वेतन आयोगों से पता लगता है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें को लागू होने में 2028 तक का समय लग सकता है।

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छठे और सातवें वेतन आयोग में कितना समय लगा?

चलिए आपको बताते हैं कि छठे और सातवें-दो पिछले वेतन आयोग ने इस प्रक्रिया को पूरा करने में कितना समय लिया:

6th Pay Commission timeline: छठे वेतन आयोग में लगा कितना समय
आपको बता दें कि छठे वेतन आयोग का गठन यूपीए-1 की सरकार के समय जुलाई 2006 में किया गया था। जबकि अक्टूबर 2006 में पैनल को औपचारिक तौर पर बनाया गया और ToR को मंजूरी मिली। कमीशन ने मार्च 2008 में करीब 18 महीने बाद अपनी रिपोर्ट सबमिट की। और रिपोर्ट सबमिट करने के करीब 8 महीने बाद यूपीए सरकार ने अगस्त 2008 में छठे पे कमीशन को मंजूरी दी।

यानी ToR की मंजूरी की तारीख से लेकर कैबिनेट की अंतिम स्वीकृति तक, पैनल की सिफारिशों को लागू करने में लगभग 22 महीने का समय लगा। हालांकि, इसकी सिफारिशों को 1 जनवरी 2006 से पूर्व प्रभाव (retrospectively) लागू किया गया था।

7th Pay Commission timeline: सातवें वेतन आयोग में लगा कितना समय
सातवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान यूपीए-2 के समय सितंबर 2013 में किया गया था। जबकि फरवरी 2014 में करीब 5 महीने बाद पैनल का गठन और terms of reference (ToR) को मंजूरी मिली।

सातवें वेतन आयोग ने नवंबर 2015 में अपनी रिपोर्ट जमा की यानी करीब 18 महीने का समय लिया। इसके बाद जून 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार में सिफारिशों को मंजूर किया गया।

यानी ToR की मंजूरी और पैनल की सिफारिशें लागू होने के बीच करीब 28 महीने का वक्त लग गया। इन सिफारिशों को भी 1 जनवरी 2014 से लागू किया गया।

इसलिए, पिछले दो वेतन आयोगों में ToR की मंजूरी और सिफारिशों के कार्यान्वयन के बीच का अंतराल लगभग 22 से 28 महीनों के बीच रहा है।

कब तक लागू हो सकता है आठवां वेतन आयोग?

अगर इसी तर्क को आठवें वेतन आयोग (8th CPC) पर लागू करें, जिसका टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) अब अक्टूबर 2025 में अंतिम रूप से तय किया गया है तो कैबिनेट की मंजूरी 2028 से पहले मिलना मुश्किल है। सबसे अनुकूल स्थिति में भी अगर सब कुछ ठीक तरह से चलता है तो यह प्रक्रिया 2027 के अंत से 2028 की शुरुआत के बीच पूरी हो सकती है।

आठवें वेतन आयोग की धीमी शुरुआत

आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा 16 जनवरी 2025 को की गई थी। लेकिन इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) यानी वह आधिकारिक नियमावली जो आयोग के अध्ययन के दायरे को तय करती है, इसे मंजूरी मिलने में नौ महीने से ज्यादा का समय लग गया और यह अंततः 28 अक्टूबर 2025 को स्वीकृत हुआ।

स्वीकृत टाइमलाइन के अनुसार, आयोग के पास अपनी समीक्षा पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए 18 महीने का समय है। यानी रिपोर्ट सौंपने की संभावित समयसीमा अप्रैल 2027 के आसपास होगी। यह रिपोर्ट केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, पेंशन, भत्तों और सेवा शर्तों पर सिफारिशें शामिल करेगी।

आठवां केंद्रीय वेतन आयोग क्या-क्या जांचेगा?

कैबिनेट द्वारा स्वीकृत टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में 8वें वेतन आयोग के लिए एक व्यापक कार्यक्षेत्र तय किया गया है। आयोग निम्नलिखित बिंदुओं पर काम करेगा:

-केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा करेगा और उसमें बदलाव के सुझाव देगा।

-पेंशन संशोधन और संबंधित लाभों की जांच करेगा।

-वेतन समानता (pay parity) और वेतन संरचना के सरलीकरण (rationalisation) के उपाय सुझाएगा।

-भत्तों (allowances) और सेवा शर्तों (service conditions) में जरूरी संशोधनों की सिफारिश करेगा।

-काम की परिस्थितियों का मूल्यांकन करेगा और उन्हें सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) व निजी क्षेत्र (private sector) के वेतनमान से तुलना करेगा।

-राजकोषीय अनुशासन (fiscal prudence) और कुल आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सिफारिशें देगा।

आठवें वेतन आयोग में सदस्य कौन हैं?

पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज रंजन प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित इस आयोग में दो अन्य सदस्य शामिल हैं- आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष जो पार्ट-टाइम सदस्य के रूप में होंगे। और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन जो सदस्य-सचिव (Member-Secretary) की भूमिका निभाएंगे।

आठवें वेतन आयोग से किसे मिलेगा फायदा?

8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशों का सीधा असर 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर पड़ेगा।

इसके अलावा, वे स्वायत्त संस्थान (autonomous bodies) और वैधानिक संगठन (statutory organisations) जो CPC वेतनमान अपनाते हैं, उन्हें भी इससे फायदा होगा। अक्सर राज्य सरकारें भी कुछ संशोधनों के साथ इन सिफारिशों को बाद में लागू करती हैं जिसका अर्थ है कि लाखों अन्य कर्मचारियों को भी वेतन वृद्धि (pay hike) का फायदा मिलेगा।

अब आगे क्या होगा?
अब जबकि ToR को मंजूरी मिल गई है, 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) आधिकारिक रूप से अपना काम शुरू कर सकता है। अगले डेढ़ साल के दौरान आयोग परामर्श बैठकों का आयोजन, वेतन से संबंधित आंकड़ों का एनालिसिस और ऐसी सिफारिशों का मसौदा तैयार करेगा जो कर्मचारियों की भलाई और राजकोषीय अनुशासन (fiscal prudence)- दोनों के बीच संतुलन बनाए रखें।