महाकौशल अंचल में औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने के लिए शनिवार को जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप जलाकर किया। इस मौके पर उन्होंने देवास, कटनी, पिपरिया और छिंदवाड़ा में में औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा में 15 यूनिट का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा के औद्योगिक विकास में कोई कमी नहीं रहेगी।

डिफेंस में इंवेस्टमेंट तो 75% डिस्काउंट में मिलेगी जमीन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, जबलपुर में रेडीमेड और टेक्सटाइल स्किल सेंटर बनाया जाएगा। यहां इस सेक्टर में निवेश की बहुत संभावनाएं हैं। डॉ. मोहन जबलपुर रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में पहुंचे हैं। यूपी और तमिलनाडु के बाद देश के तीसरे डिफेंस कॉरिडोर जबलपुर, कटनी और इटारसी में निवेश के लिए हो रही इस कॉन्क्लेव में 5 देशों और 9 राज्यों के 3500 से ज्यादा इन्वेस्टर्स आए हैं। इसका आयोजन नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। इसके बाद इंवेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी बुक का विमोचन किया।

इंवेस्टर्स में अदाणी ग्रुप की डिफेंस यूनिट देख रहे अशोक वाधवान, एडवांस वेपन इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड के राजेश चौधरी, सैन्य वाहन निगम लिमिटेड के सीएमडी संजय द्विवेदी जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अदाणी समूह अभी शिवपुरी के आसपास 10 हजार करोड़ का निवेश करने वाला है। जमीन देख ली गई है। यह गोला-बारूद उत्पादन से जुड़ी यूनिट होगी। डिफेंस में निवेश करने के लिए 50 एकड़ तक जमीन 75% डिस्काउंट पर दी जाएगी।

छिंदवाड़ा के औद्योगिक विकास में कोई कमी नहीं रहेगी

मुख्यमंत्री ने जबलपुर में फूड प्रोसेसिंग और गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने घोषणा की। आयोजन में देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों और नामी कंपनियों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। ब्रिटेन, ताइवान सहित पांच देशों से आ रहे प्रतिनिधि भी कॉन्क्लेव में मौजूद हैं। कॉन्क्लेव में जबलपुर और आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इससे करोड़ों रुपये के औद्योगिक करार हुआ।

महाकौशल अंचल खनिज और वन संपदा से समृद्ध है। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अनुकूल है। रक्षा उत्पाद के निर्माण में प्रगतिशील है। वस्त्र एवं पर्यटन उद्योग को लेकर भी अंचल में अपार संभावनाएं है। इन समस्त क्षेत्रों में निवेश से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। बड़े निवेशकों के आगमन से समूचे महाकौशल में समृद्धि के द्वार खुलेंगे।

श्रमिकों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

श्रमिकों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर। अंचल का आर्थिक विकास।
प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक-विकसित क्षेत्र के रूप में नगर और अंचल नई पहचान।
मुख्यमंत्री 60 से अधिक इकाईयों का वर्चुअली उद्घाटन कर उद्योगपतियों से चर्चा भी।
प्रमुख विदेशी प्रतिनिधियों सहित उद्योग जगत की 3500 से अधिक प्रमुख हस्तियां शामिल।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक और सूचना केंद्र का उद्घाटन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 80 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक और सूचना केंद्र का उद्घाटन के साथ क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन का भी शुभारंभ किया। सम्मेलन में प्रमुख उद्योगपतियों, विभिन्न उद्योग संघों के प्रतिनिधियों और प्रमुख विदेशी प्रतिनिधियों सहित उद्योग जगत की 3500 से अधिक प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में शामिल होने वाली हस्तियों में बैद्यनाथ समूह, आईटीसी, वोल्वो आयशर, बेस्ट कार्प, एसआरएफ एवं दावत समूह जैसे प्रमुख औद्योगिक ईकाइयां शामिल हैं।

जारी रहेगा सिलसिला

बता दें कि उज्जैन के बाद जबलपुर में रीजनल इन्वेस्टर समिट हो रहा है। इसके बाद सितंबर में ग्वालियर, अक्टूबर में रीवा में भी इसी तरह के समिट प्रस्तावित है। सागर या दमोह में भी रीजनल समिट आयोजित होगा। 25 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कोयंबटूर में उद्योगपतियों से चर्चा करेंगे। अगस्त में बेंगलुरू और सितंबर में दिल्ली में भी उनके अन्य उद्योगपतियों से मुलाकात के कार्यक्रम हैं। सितंबर में इंदौर में टेक्स्टाइल कॉन्क्लेव प्रस्तावित है।