
खुद्दारी की पहली शर्त है स्वाभिमान, लगातार उन्नति की ललक और कामयाबी के ऊंचे सपने देखने का जज्बा।
खुद्दारी की पहली शर्त है स्वाभिमान, लगातार उन्नति की ललक और कामयाबी के ऊंचे सपने देखने का जज्बा।
जीवन की बुनियादी और जरूरत की चीजों की तंगी और रोजमर्रा की महंगाई ने सभी को त्रस्त कर दिया है।
अगर जीवन में भिन्नता और विविधता न हो तो, क्या स्थिति बनेगी? सभी फूल एक जैसे हों, गायक एक-सा गाएं,…
ठीक ही कहा जाता है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। जितने भी नए शोध हुए और नई-नई चीजें…
अतीत का जीवित अंश उसे वर्तमान से जोड़ता है और जब वर्तमान अतीत हो जाता है तो उस अतीत का…
अनुभूति को अभिव्यक्ति का वरदान मिलना एक दुर्लभ संयोग है। वरना लोग यही कहते रहते हैं कि जैसा उन्होंने सोचा…
आडंबर, अंधविश्वास और आतंक की आड़ में वे लोगों को फुसलाते हैं और अपना वर्चस्व कायम करते हैं। अपनी गलती,…
घर से काम करने के फायदे और नुकसान, दोनों थे। जब लोग तय समय पर काम पर जाते थे तो…
फिराक साहब की या बेगम अख्तर की नकल करके कक्षा में या महफिल में शराब और सिगरेट पीने मात्र से…
पिछली सदी के सत्तर के दशक की बात है। एक सख्त मिजाज प्राचार्य मातहतों को आसानी से आकस्मिक अवकाश नहीं…
Employee Provident Fund, Employee Pension Scheme: यदि आप आधार कार्ड धारक हैं तो फिर पीएफ की रकम निकालने की प्रक्रिया…