
आर्थिक वृद्धि के चार इंजन हैं: सरकारी खर्च, निजी खपत, निजी निवेश और निर्यात।
आर्थिक वृद्धि के चार इंजन हैं: सरकारी खर्च, निजी खपत, निजी निवेश और निर्यात।
वर्ष 1929 में दुनिया ने महामंदी के रूप में एक अप्रत्याशित आर्थिक संकट झेला था।
हमें खुश होना चाहिए कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर, सरकार के मुताबिक, 2014 और 2015 में 7.4 फीसद रही।
जब-तब कोई नया शब्द या पद बातचीत में चल पड़ता है। आठ नवंबर 2016 को विमुद्रीकरण शब्द का चलन शुरू…
वे कौन हैं जिन्हें नोटबंदी ने पूरी तरह तबाह कर दिया?- वह श्रमिक, जो तिरुप्पुर, सूरत और मुरादाबाद जैसे औद्योगिक…
एक सीमा पार की कार्रवाई और कुछ भी हो, सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है।
मनमोहन सिंह कम बोलते हैं। वे बड़े मृदु ढंग से अपनी बात कहते हैं और यह खयाल रखते हैं कि…
रकार के कामकाज का जायजा लेने का स्वाभाविक और उपयुक्त अवसर है- इसके वायदों, क्रियान्वयन और अर्थव्यवस्था की हालत का।
मैं नोटों की अदलाबदली के विषय पर लौटने को विवश हूं, क्योंकि लोगों की मुश्किलें और तकलीफें जारी हैं।
जब तक कर-योग्य आय और कर-मुक्त आय का सह-अस्तित्व है, धन का हस्तांतरण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होगा,…
सुकरात ने अपने शिष्यों से कहा था कि हरेक चीज पर प्रश्न उठाएं और एक अच्छा शिक्षक आज यही बात…
1991 में शुरू हुए आर्थिक सुधार के बावजूद, जिसकी एक शानदार कहानी है, सरकार और उद्योग जगत का मिलन बिंदु…