हमारी याद आएगीः जो परदे से निकले और यादों में समा गए, हमेशा किए जाएंगे याद

विनोद खन्ना (निधन, 27 अप्रैल) सिर्फ ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘मेरा गांव मेरा देश’ या ‘दयावान’ के कारण ही याद नहीं…

हमारी याद आएगीः खुली जेल से पाठशाला तक पहुंचा सिनेमा

वसंत देसाई अभिनेता संगीतकार ही नहीं थे, सामाजिक सरोकारों के लिए सक्रिय भागीदारी करने वाले इनसान थे। उन्होंने लंबे समय…

हमारी याद आएगीः देवानंद ने करवाया था पांच मिनट में लता-जयदेव का समझौता

लता मंगेशकर नवकेतन फिल्म्स की फिल्मों की प्रमुख आवाज रहीं। नवकेतन की स्थापना देव आनंद ने 1949 में की थी।…

हमारी याद आएगीः टुनटुन गाने वाली थीं ‘आएगा आने वाला…’ गाना

फिल्मों में संघर्ष करने वाले ज्यादातर कलाकारों के लिए पहला मौका बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। इसके लिए वह किसी भी…

याद हमारी आएगीः लक्ष्मीकांत ने प्यारेलाल को विदेश जाने से रोका था

लक्ष्मीकांत लक्ष्मीपूजा के दिन पैदा हुए थे, तो परिवार ने उनका नाम लक्ष्मीकांत रख दिया, इस उम्मीद से कि एक…

याद हमारी आएगीः मीना कुमारी से शादी की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे प्रदीप कुमार

प्रदीप कुमार ने 1951 तकबांग्ला फिल्मों में काम करने के बाद मुंबई जाकर किस्मत आजमाना तय किया।

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