कुछ समय पहले एक वैवाहिक स्वागत समारोह में जारी प्रचलन के ज्यादातर लोग बधाई के साथ एक लिफाफे में स्नेह…
कुछ समय पहले एक वैवाहिक स्वागत समारोह में जारी प्रचलन के ज्यादातर लोग बधाई के साथ एक लिफाफे में स्नेह…
भारतीय ग्रामीण संस्कृति में संवादों की अभिव्यक्ति के अनेक परिवेशीय साधन प्राचीन काल से प्रचलित हैं।
भारतीय लोक कथाओं के करुण कथ्य ने आंशिक रूप से सिद्ध किया है कि हर घर, जहां ऊपर वाले खुद…
वर्तमान समय में घुमक्कड़ी को बाजारवाद ने जबसे अपने आगोश में लिया है, तब से इसके आकार में अप्रत्याशित विस्तार…
कुछ समय पहले एक परिचित के वैवाहिक स्वागत समारोह में भाग लेने का अवसर मिला।
भारत में हमारी जीवन पद्धति आज भी अपने चिरकाल की अस्मिता और मर्यादाओं को लेकर निरतंरता में विद्यमान है।
समाज की सबसे लघु इकाई हमारा परिवार आज उस मुहाने पर खड़ा दिखता है जहां प्रतिकूलता के प्रवाह अधिक हैं।
समाजशास्त्र की सफल अवधारणा है कि समाज की लघुतम इकाई परिवार संचालन का मूल ऊर्जा स्रोत संवेदना रही है।
प्रकृति ने धरती पर अपने विराट वैभव भंडार से असंख्य संपदाओं को जनमानस के उपयोग और कल्याण के लिए सृजित…
यदि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास में निवेश करके मानव संसाधन को मानव पूंजी में तब्दील कर दिया जाए तो…
आज के बच्चे भी प्रकृति से प्रेम न करके टीवी और मोबाइल की दुनिया को ही सच मान लेते हैं।…
उस दिन घर लौटते समय मानस पटल पर अंकित बचपन की कुछ धुंधली स्मृतियां सहज रूप से तरल होकर जीवंत…