दुनियाभर में रोड एक्सीडेंट में सबसे ज्यादा मौतें भारत में हुई हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार (6 अप्रैल) को चिंता व्यक्त करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ द्वारा प्रकाशित विश्व सड़क सांख्यिकी (डब्ल्यूआरएस) 2018 के ताजा आंकड़ों के आधार पर रोड एक्सीडेंट की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में सबसे ऊपर है।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कुल 22 ग्रीनफील्ड हाईवे का निर्माण किया गया है। इनमें 5 एक्सप्रेसवे हैं जिनमें 1,63,350 करोड़ रुपये की लागत के साथ 2,485 किलोमीटर की लंबाई और 1,92,876 करोड़ रुपये की लागत से 5,816 किलोमीटर की लंबाई वाले 17 एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के तीन खंड यानी दिल्ली-दौसा-लालसोत (जयपुर) (214 किमी), वडोदरा-अंकलेश्वर (100 किमी) और कोटा-रतलाम झाबुआ (245 किमी) को 23 मार्च तक पूरा करने की योजना है।
उन्होंने राज्यसभा में यह भी बताया कि वाहन चलाने वालों को वाहन पंजीकरण संख्या के आधार पर फास्टैग जारी किया जाता है। 30 मार्च, 2022 तक विभिन्न बैंकों द्वारा जारी किए गए फास्टैग की कुल संख्या 4,95,20,949 थी। गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क प्लाजा लगभग 96.5 प्रतिशत हैं।
इससे पहले सोमवार (4 अप्रैल) को नितिन गडकरी ने कहा था कि बेहतर सड़क नेटवर्क विकास की कुंजी है इसलिए भाजपा नीत सरकार पूरे देश में सड़क नेटवर्क में सुधार करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि सड़क नेटवर्क को लगातार मजबूत बनाया जा रहा है, जिससे रोजगार के भी नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
उन्होंने हरियाणा के सोनीपत में 297 किलोमीटर लंबी सड़क और 2,872 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि विकास के लिए जरूरी चीजें पानी, बिजली, परिवहन और संचार हैं, जहां ये चार चीजें हैं, वहां उद्योग, रोजगार और विकास है।