एक सामाजिक प्राणी और मनुष्य होने के कारण हमारा परम कर्तव्य है कि हम एक-दूसरे के सुख-दुख को समझें।
भारतीय सभ्यता के विकास की शुरुआत से लेकर अब तक के कालखंडों पर गौर करें तो पाएंगे कि हमेशा से…
परिवार और समाज को इकट्ठा रहने और साथ में काम करने के लिए प्रेरित किए जाने का भाव भी अब…
सफलता का मतलब सिर्फ यही नहीं कि हमको किसी से बेहतर बनना है, बल्कि उसका अर्थ है कि हमारे अंदर…
कुछ गलत फैसले जिंदगी का सही मतलब समझा जाते हैं। संसार में कुछ लोग सच्चे सारथी होते हैं और कुछ…
आधुनिक पीढ़ी प्रतिस्पर्धात्मक जीवन जी रही है। ऐसे लोग पिछले दिन की असफलता के साथ सुबह देर तक अवसाद में…
अब आपसी संवाद का माध्यम चिट्ठी-पत्री की जगह वाट्सएप, मैसेंजर, ई-मेल आदि ने ले लिया है।
दिन-रात किसी को कोसने की जगह अपने होठों की उस लाली को महसूस करने की जरूरत है जो झलकाती है…
दुनिया में जिसने भी अपने मन को साध लिया, उसके लिए हर लक्ष्य आसान हो जाता है। मन की एकाग्रता…
अपने भीतर के बच्चे को पालने-पोसने का केवल एक ही तरीका है। अकेला एक ही शख्स परवरिश और देखभाल कर…
‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ भारत में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए 1960 में लाया गया था।
किसी भी तरह का काम जब सही उद्देश्य और नजरिए के साथ किया जाता है, तब वह एक बड़ा बदलाव…