भले ही हमारी जीवनशैली बदली हो, लेकिन हमारे जीवन की प्रकृति आज भी नहीं बदली है।
सीखना हमेशा मुमकिन है और सीखने वाला कतई फेल नहीं होता।
आज हर छोटे-बड़े कार्य के लिए हम बेमतलब मशीन पर निर्भर होते जा रहे हैं।
मनुष्य पैदाइशी रूप से आंनद और सुख तलाशता है, पर व्यवहार में वैसा नहीं करता है तो दुख पैर पसार…
भारतीय संस्कृति विविधता से भरी हुई है जो हमारे जीवन शैली को खूबसूरती का अहसास भी कराती है।
सामर्थ्य और क्षमताओं को सही तरह से पहचान कर उसका इस्तेमाल करना ही जीवन है।
वेदों में सहयोग की भावना को समझाने वाले अनेक मंत्र हैं।
नेतागीरी की कसौटी पहले दिन-रात वंचितों की सेवा और उनके हित के लिए होती थी।
आज के दौर में हम इंसानों के जीव ऐसे हो चुके हैं जो कई बार ठोकर खाने के बाद भी…
मानव जीवन में वैसे भी सबसे दुर्लभ गुण धीरज ही है जो प्रत्येक के बस में नहीं रहता।
किसी नदी के किनारे पर सुकून से कलकल को सुनें तो ऐसा महसूस होता है कि नदी गुनगुना रही है।
विवाह समारोहों के विभिन्न रिवाजों के निर्वाह और पालन में आजकल विवाह का मूल उद्देश्य भी बिल्कुल भुला दिया जाता…