फरेब का जाल

इस ‘रामपाल कांड’ ने देश और उसके विचारवान लोगों के सामने कुछ सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला सवाल राष्ट्र…

ठगी के संत

पिछले दिनों तथाकथित संत रामपाल के आश्रम में जो कुछ हुआ वह बहुत शर्मनाक है, इससे पहले आसाराम बापू और…

समय रहते

लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार कथित संत रामपाल को गिरफ्तार कर लिया गया। हरियाणा पुलिस की तारीफ करनी होगी कि…

भ्रम के साए

उमाशंकर सिंह का ‘ध्यान भटकाने का मंत्र’ (4 अक्तूबर) और ब्रजेश कानूनगो का ‘सुनो कहानी’ (4 नवंबर), ये दोनों लेख…

आस्था के सरोकार

बीरेंद्र सिंह रावत की टिप्पणी ‘आस्था की मुसीबत’ (समांतर, 7 नवंबर) पढ़ा। दिल्ली महानगर में लगता है कि आस्था जी…

एकता की भाषा

हिंदी प्रचार-प्रसार संबंधी कई राष्ट्रीय संगोष्ठियों में मुझे शामिल होने का सुअवसर मिला है। इन संगोष्ठियों में अक्सर यह सवाल…

तुझे क्या

जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: यह सुनने में अजीब लगता हैं कि ‘तुझे क्या!’ लेकिन इसका प्रयोग लोग जीवन में किसी न…

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