विकेश कुमार बडोला कई बार ऐसा लगता है कि देश का सामूहिक जीवन बहुत अधिक कुंठाओं का शिकार है। इसके…
निवेदिता पच्चीस साल पहले भागलपुर जख्मों से भर गया था। एक बार फिर उसके जख्म हरे हो गए। स्मृति भी…
जब भी सरकारें बदलती हैं तब नई सरकारें यह दिखाने की कोशिश करती हैं कि वे जो करेंगी वह एकदम…
हिंदी प्रचार-प्रसार संबंधी कई राष्ट्रीय संगोष्ठियों में मुझे शामिल होने का सुअवसर मिला है। इन संगोष्ठियों में अक्सर यह सवाल…
प्रशांत कुमार किसी जमाने में कहा जाता था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। शहरों से नहीं, गांवों…
विश्वंभर शिक्षा में बदलाव के प्रति राज्य सरकारों के सरोकारों और गंभीरता को उनके फैसलों के संदर्भ में देखा-समझा जाना…
जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: महाराष्ट्र की अल्पमत सरकार का ढोंग पूरे देश के सामने आ गया। ‘गुड़ खाए और गुलगुले…
वर्षा जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: पानी के बहाव को जितना रोकने की कोशिश करेंगे, उतने ही बल के साथ पानी…
अजेय कुमार जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बेटे को तरक्की पर जब उसकी कंपनी ने एक महंगा मोबाइल फोन दिया तो…