
समस्या यह है कि आज इंसान को यह नहीं पता कि उपयोग की वस्तुओं का प्रबंधन कैसे करें। एक बेहतर…
कभी जिस प्लास्टिक को वरदान समझा जाता था, वो अब एक बड़ी समस्या का रूप ले चुकी है। आज धरती…
जैव ईंधन भारत के लिए इसलिए भी वरदान है, क्योंकि खेती और पशुधन इसके लिए सस्ता कच्चा माल मुहैया कराते…
नए अनुसंधानों से पता चला है कि पिछले पचास वर्षों में समुद्रों में ऐसे क्षेत्रों का विस्तार हुआ है, जहां…
पर्यावरण संरक्षण के लिए ईएसजी व्यवस्था को कानूनी बाध्यता समझने के स्थान पर कंपनियां स्वयं अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझें और…
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, अगर अपशिष्ट प्रबंधन को उच्च प्राथमिकता में नहीं लिया गया तो इसे…
आज सबसे बड़ी समस्या है कि हम सह अस्तित्व की बात तो करते हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं करते।
कुछ समय पहले देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने ने 2030 तक अपनी कारोबारी गतिविधियों को शून्य कार्बन उत्सर्जक बनाने…
भारत, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन से लेकर स्पेन तक में भारी बारिश के कारण बाढ़ से हाल बेहाल है।
कपड़ा उद्योग की वजह से पर्यावरण प्रदूषण, जल संकट, रासायनिक प्रदूषण, कार्बन उत्सर्जन और कचरे की समस्या बढ़ रही है।
आज के अधिकांश युवाओं के समक्ष प्रतिस्पर्धा का दबाव और जीविकोपार्जन की अनिश्चितता लगातार तनाव देती रहती है। यह स्थिति…
भारतीय वन सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में सघन वनों का क्षेत्रफल घट रहा है। 1999 में सघन…