राजधानी में नगर निगम चुनावों को लेकर नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
मामला कोई भी हो आंकड़ों की घपलेबाजी करने में सरकारी विभाग पीछे नहीं है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिख सियासत का अखाड़ा बन चुकी है।
अकसर देखा जाता है कि बड़ी-बड़ी घटनाओं के बाद अधिकारी वाहवाही बटोरने के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़े हो जाते…
दिल्ली से सटे औद्योगिक महानगर नोएडा में इन दिनों बड़ी संख्या में यातायात पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद प्रबंधन और…
दिल्ली में कोरोना बढ़े तो सबसे पहले स्कूल बंद हो। प्रदूषण बढ़े तो भी स्कूल बंद हो।
कभी ऐसा वक्त था जब दिल्ली के आसपास के राज्यों के लोग राष्ट्रीय राजधानी में आकर अपने वाहनों की टंकी…
बवाना विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद तो आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं का खोया आत्मविश्वास लौट आया और वे…
दिल्ली सरकार ने पटाखे बेचने वालों को इस बार लाइंसेंस जारी नहीं किए।
एक प्राधिकरण और एक ही अधिकारी की निगरानी में दो तरह के मानक लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
चुनाव के समय में तमाम पुराणे मुद्दे गौण हो जाते हैं तो कुछ बाहर ही नहीं आते।