गुजरात में बनने वाली स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी में सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की प्रतिमा चीन की बनी होगी। यह प्रोजेक्‍ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्‍यमंत्री रहते हुए शुरू किया था। इसके लिए उन्‍होंने देश भर के किसानों से लोहा भी मांगा था। यह स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी प्रोजेक्‍ट के जरिए देश को ‘एक सूत्र में बांधने’ के लिए की गई सांकेतिक पहल थी।

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन चलाया। लेकिन, उनके ही प्रोजेक्‍ट में ‘मेड इन चाइना’ स्‍टैच्‍यू लगने पर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में गुजरात सरकार का कहना है कि मूर्ति कहां बनवाई जाए, यह तय करना कॉन्‍ट्रैक्‍टर का काम है। इसमें राज्‍य सरकार का कोई रोल नहीं है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि गुजरात की बीजेपी सरकार ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन का मजाक बना रही है।

गुजरात के नर्मदा जिले के साधु बेत में सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बन रही है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। 3000 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्‍ट का ठेका लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) कंपनी को दिया गया है। कंपनी की मदद करने के लिए एक-दो महीने में हजारों चीनी मजदूर पहुंचने वाले हैं। खबर है कि प्रतिमा का वह हिस्‍सा जो कांसे की होगी, चीन के एक कारखाने टीक्‍यू आर्ट फाउंड्री में बनवाया गया है। टीक्‍यू आर्ट फाउंड्री चीन के नैनचांग में स्थित जियांग्‍जी टोक्‍वाइन कंपनी का हिस्‍सा है।

सरदार वल्‍लभभाई पटेल राष्‍ट्रीय एकता ट्रस्‍ट (एसवीपीआरईटी) के अफसरों का कहना है कि मुख्‍यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने एक खास वाहन भेजा है। यह वाहन चीन से आई मूर्ति के एक हिस्‍से को साइट पर लाने के लिए भेजा गया है। इसे एसेंबल करने के लिए चीन से बड़ी संख्‍या में मजदूर भी आने वाले हैं। एसवीपीआरईटी के मेंबर सेक्रेटरी के. श्रीनिवास ने बताया, ‘वे (एलएंडटी) चीन से 25 हजार से भी ज्‍यादा ब्रोंज पीसेस मंगवा रहे हैं। कंपनी इस बात के लिए स्‍वतंत्र है कि वह बेस्‍ट मटीरियल जहां से भी मिले, वहां से मंगवाए।’ स्‍टील फ्रेम वर्क भी चीन से ही करवाया जा रहा है।

इस बारे में कंपनी की प्रतिक्रिया लेने के लिए जियांग्‍जी टोक्‍वाइन कंपनी के अधिकारियों से मेल और फोन के जरिए संपर्क किया गया। लेकिन न मेल का जवाब आया और न ही फोन पिक किया गया।