उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष रहे दयाशंकर सिंह को पार्टी ने सभी पदों से बाहर कर दिया है। सिंह ने बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती की तुलना ‘वेश्या’ से की थी। दयाशंकर के इस बयान की सभी दलों के नेताओं ने आलोचना की थी। खुद मायावती ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आजतक मैंने अपने भाषण में किसी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने मेरे लिए नहीं अपनी बहन, बेटी के बारे में बोला है। मुझे पूरा देश अपनी बहन मानता है।’ मायावती ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘दयाशंकर को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए वर्ना अगर लोग सड़क पर हिंसा करने के लिए उतर आए तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी।‘ मायावती की इस चेतावनी के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा के लखनऊ स्थित मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
प्रशासन को आशंका है कि गुस्साए बसपाई भाजपा कार्यालय पर हंगामा कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ दयाशंकर सिंह पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि दयाशंकर की गिरफ्तारी की मांग पर सरकार ने क्या फैसला किया है।
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राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नेता व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दयाशंकर के बयान की भर्त्सना करते हुए कहा कि वह निजी तौर पर इस बयान से आहत हैं। यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने भी दयाशंकर सिंह के बयान की निंदा की थी। हालांकि दयाशंकर सिंह ने बयान पर हंगामा मचता देख पहले ही माफी मांग ली थी। उन्होंने कहा कि ‘मैं उनके (मायावती) के बारे में ऐसा सोच भी नहीं सकता। वे काफी संघर्ष के बाद यहां तक पहुंची हैं।’
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