1991 में जब सोवियत संघ टूटा, तब सिर्फ रूस ही मजबूत नहीं हुआ…रूस के साथ साथ अरबपति कारोबारियों की एक जमात भी तेजी से ताकतवर हुई। रशियन भाषा में इसे नाम दिया गया ओलिगार्क…यानि रूस के ऐसे रईस और एलीट लोग, जिनकी वहं के सियासत में अहम भूमिका होती है। ओलिगार्क में शुमार किये जाने वाले रूस के ज्यादातर कारोबारी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी हैं और यही वजह है कि रूस-यूक्रेन जंग के बीच इनका नाम भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
